अमेठी से काँग्रेस गायब, संजय सिंह ने दिया काँग्रेस से इस्तीफा

अमेठी से पहले रहुल गांधी भागे अब रही सही कसर संजय सिंह ने काँग्रेस छोड़ कर पूरी आर दी। अमेठी होगी पूरी तरह से भगवा। डॉ. संजय सिंह असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उनका कार्यकाल अभी एक साल का बचा हुआ है. इसके बावजूद उन्होंने राज्यसभा और कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया. संजय गांधी के दोस्त रहे संजय सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कांग्रेस से ही किया था, लेकिन राममंदिर आंदोलन के दौरान कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे.

नई दिल्‍ली: कांग्रेस नेता संजय सिंह ने राज्‍यसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है. चेयरमैन वेंकैया नायडू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उन्‍होंने और पत्‍नी अमिता ने कांग्रेस से भी इस्‍तीफा दे दिया है. उन्‍होंने कहा कि वह कल बीजेपी ज्‍वाइन करेंगे. संजय सिंह ने कहा कि मेरा गांधी परिवार से करीबी रिश्‍ता है और उन रिश्तों में कोई गड़बड़ी नहीं है. हमारा 40 साल से कांग्रेस से नाता है लेकिन 15-20 साल में पार्टी के भीतर जो संवादहीनता हुई, पहले कभी नहीं थी. हम दो बार लोकसभा में और दो बार राज्यसभा में रहे और ये फैसले 1-2 दिन के नहीं होते है. 

उन्‍होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में संवादहीनता है, नेतृत्‍व में शून्‍यता है. पार्टी बीते हुए कल में चल रही है और आने वाले कल से बेखबर है. उधर पीएम मोदी ने नारा दिया है- सबका साथ सबका विकास. उन्‍होंने जो कहा है, वो किया है. मुझे लगता है कि देश उनके साथ है और अगर देश उनके साथ है तो मैं भी उनके साथ हूं. अपनी आगे की योजनाओं के बारे में उन्‍होंने कहा कि मैं कल बीजेपी ज्‍वाइन करूंगा.

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