कार्यकाल खत्म होने के बाद नेताओं को हर हाल में खाली करना होगा बंगला, आज पेश हो सकता है बिल
सराकारी बंगले को स्मृति भवन बना दो, या फिर सोनिया गांधी का आज तक प्रधानमंत्री आवास को खाली न करना और प्रधान मंत्री निवास का बदला जाना यह सब, या मात्र इस लिए कि वह नामदार परिवार की बेटी है से सरकारी बंगले का मात्र कुछ रुपयों में किराए पर देना इस बिल से क्या इन सब बातों पर लगाम लगेगी, शायद नहीं। बिल लाने से नहीं राजनैतिक इच्छा शक्ति दिखाने से ही बात बनेगी। यदि आज आप न्यायालय की बात करते हैं तो शायद बिल लाने से इस प्रकार की मनोवृत्ति वाले नेता अपने कदम ओर भी मजबूत कर लेंगे।
सरकार का दावा है कि इस बिल के पास हो जाने के बाद दिल्ली में कोई सांसद, विधायक, समय खत्म होने के बाद बंगले में रहने के लिए कोर्ट की शरण नही ले पाएंगे. सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए भी इसमें कड़े प्रावधान होंगे.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने अहम बिल पास कराने के लिए संसद का सत्र बढ़ा दिया है. सरकार जल्द से जल्द कई बिल पास कराने में जुटी है. अब मोदी सरकार एक अहम बिल लाने जा रही है. इसके अनुसार अब सांसदों विधायकों का कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें अपना बंगला हर हाल में खाली करना होगा. अभी तक ऐसा नहीं होता था. नेतागण बंगले पर वर्षों तक कब्जा जमाए रखते थे. इसी से निजात पाने के लिए सरकार अब इस बिल को लाने जा रही है.
सरकार The Eviction of illegal occupants on public land bill लाने की तैयारी में है. इस बिल के पास हो जाने के बाद दिल्ली में कोई सांसद, विधायक, समय खत्म होने के बाद बंगले में रहने के लिए कोर्ट की शरण नही ले पाएंगे. सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए भी इसमें कड़े प्रावधान होंगे.
अभी कोई भी सांसद, पूर्व सांसद एक ही बंगले में जमे रहने के लिए कोर्ट से स्टे ले आते हैं. ये बिल पास हो जाने के बाद कोर्ट से ऐसे मामलों में स्टे नहीं मिलेगा. इसी बिल पर चर्चा के दौरान पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा दिल्ली में सरकारी जमीन पर बन रही अवैध मस्जिदों का मामला भी उठाएंगे.
लोकसभा में ये बिल मंगलवार को पेश किया जा सकता है. लोकसभा में सरकार बिल अपने दम पर पास करा सकती है. लेकिन उसके पास अब भी राज्यसभा में इतने नंबर नहीं हैं कि वह बिना दूसरे दलों की मदद से बिल पास करवा सके.
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