“भारत रत्न” से सम्मानित होंगे प्रणब दा

प्रणब मुखर्जी जुलाई 2012 से जुलाई 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे. इसके पहले उन्होंने वित्त, रक्षा और विदेश जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाली थी
11 दिसम्बर 1935, (पश्चिम बंगाल) को जन्मे प्रणब दा भारत के तेरहवें राष्ट्रपति रह चुके हैं। 26 जनवरी 2019 को प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया। सीधे मुकाबले में उन्होंने अपने प्रतिपक्षी प्रत्याशी पी.ए. संगमा को हराया। उन्होंने 25 जुलाई 2012 को भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। प्रणब मुखर्जी ने किताब ‘द कोलिएशन ईयर्स: 1996-2012’ लिखी है।

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 8 अगस्त को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जाएगा. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति के हाथों प्रणब मुखर्जी को 8 अगस्त को भारत रत्न सम्मान दिया जाएगा. इस साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अलावा समाजसेवी नानाजी देशमुख और मशहूर संगीतकार और गायक भूपेन हज़ारिका को भारत रत्न देने का ऐलान किया था. प्रणब मुखर्जी जुलाई 2012 से जुलाई 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे. इसके पहले उन्होंने वित्त, रक्षा और विदेश जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाली थी. साल 2004 से 2012 तक केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में उन्हें प्रमुख ‘संकटमोचक’ माना जाता था.

कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने का स्वागत किया था
कांग्रेस नेताओं ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के फ़ैसले का स्वागत किया था. भारत रत्न मिलने के ऐलान के बाद प्रणब मुखर्जी ने अपने संदेश में कहा था कि, “मैं भारत के लोगों के प्रति पूरी विनम्रता और कृतज्ञता की भावना के साथ इस महान सम्मान भारत रत्न को स्वीकार करता हूं. मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहराता हूं कि मुझे अपने महान देश के लोगों से उससे कही अधिक मिला है जितना मैंने उन्हें दिया है.” 

मुखर्जी 47 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने
मुखर्जी 1982 में 47 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने थे. वर्ष 2004 से उन्होंने तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों विदेश मंत्रालय, रक्षा और वित्त मंत्रालय का कामकाज संभाला था. ‘प्रणब दा’ के नाम से मशहूर मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे थे. पिछले वर्ष नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में शामिल होने पर मुखर्जी को कुछ लोगों से आलोचना का सामना करना पड़ा था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी थी बधाई 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर खुशी जताते कहा था कि मुखर्जी ने अपने निस्वार्थ कार्यों से देश की विकास यात्रा में मजबूत छाप छोड़ी है. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा था, ‘‘प्रणब दा हमारे समय के उत्कृष्ट राजनेता हैं. उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है और देश की विकास यात्रा पर मजबूत छाप छोड़ी है. उनकी बुद्धिमत्ता और मेधा के सानी बहुत कम लोग होंगे. प्रसन्नता है कि उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की गई है.” 

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, ‘प्रणब दा, भारत रत्न के लिए बधाई
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित करने की भारत सरकार की घोषणा के बाद मुखर्जी को बधाई दी थी और कहा था कि उनकी पार्टी को गर्व है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे एक व्यक्ति के योगदान को पहचान और सम्मान दिया गया है.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, ‘प्रणब दा, भारत रत्न के लिए बधाई. कांग्रेस पार्टी को गर्व है कि जनसेवा एवं राष्ट्र निर्माण में हमारे एक अपने के असीम योगदान को पहचान और सम्मान मिला है.’ उन्होंने भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को भारत रत्न (मरणोपरांत) दिए जाने की घोषणा पर भी खुशी जताई.” 

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply