गर्व भरी नाम आँखों से प्रधानमंत्री ने कारगिल शहीदों को याद किया

पीएम मोदी ने कहा, करगिल में विजय भारत के वीर बेटे, बेटियों के अदम्य साहस की जीत थी. करगिल में विजय भारत के सामर्थ्य और संयम की जीत थी. करगिल में विजय भारत के संकल्पों की जीत थी. करगिल में विजय भारत के मर्यादा और अनुशासन की जीत थी.

कारगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शनिवार को देश की राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में  एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ समेत भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत समेत कई लोगों ने शिरकत की. इस कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिवारों ने भी शिरकत की. कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिवारों को प्रधानमंत्री के बगल वाली सीट पर बैठाया गया.

इस कार्यक्रम में एक पल ऐसा भी आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखें डबडबा गईं और वह अपने आंसू नहीं रोक सके. दरअसल कारगिल युद्ध में शहीद हुए एक जवान की आखिरी चिट्ठी को पढ़ने हुए एक डांस ग्रुप ने परफॉर्मेंस दी थी. इस परफॉर्मेंस के बाद एक ऐसा क्षण आया जब प्रधानमंत्री मोदी की आंखों में आंसू भर आए.

करगिल युद्ध में भारत को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर मिली जीत के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कृतज्ञ राष्ट्र ने देश के वीर सपूतों के सर्वोच्च बलिदान और बहादुरी को सलाम किया. उन्होंने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर कश्मीर में कई पर्वत चोटियों पर फिर से अपना नियंत्रण स्थापित किया था.

यह 26 जुलाई का ही दिन था, जब भारतीय थल सेना ने करगिल की बर्फीली पर्वत चोटियों पर करीब साढ़े तीन महीने तक चली लड़ाई के बाद ऑपरेशन विजय के सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा की थी. इस सीमित युद्ध में भारत ने अपने लगभग 500 सैनिक गंवाये थे.

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