कॉंग्रेस के बड़े नेताओं ने पेशकश की, त्यागपत्र नहीं सौंपे
मोदी की सुनामी में धराशायी हुई काँग्रेस के नेताओं द्वारा आज कल इस्तीफा-इस्तीफा खेला जा रहा है। यह नौटंकी राहुल द्वारा शुरू की गयी। राहुल तो चाहते थे कि अपने अपने प्रदेशों में कुर्सियों से चिपके नेता जवाबदेही से काम लें। लेकिन राहुल के इस्तीफे कि खबर से ही सबके पाँव तले ज़मीन खिसक गयी। अपनी ज़िम्मेदारी तो क्या तय करनी थी राहुल को मनाने में लग गए। पर राहुल टस से मस नहीं हो रहे। फिर राहुल ने अपना दर्द हरियाणा में युवा कार्यकर्ताओं से सांझा किया, तब जमीनी कार्यकर्ताओं के इस्तीफे आने लग गए। आज जब राहुल अपने इस्तीफे पर अडिग हैं वहीं बड़े नेता (कमलनाथ, गेहलोत) इत्यादि अपनी अपनी कुर्सी से चिपके हुए इस्तीफे कि पेशकश कर रहे हैं।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े राहुल गांधी को मनाने के लिए अब पार्टी के कार्यकर्ता अनशन पर बैठेंगे. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा कि सभी कांग्रेसजन मानते हैं कि आज ज़रूरत एकजुट होकर नए संकल्प के साथ नई शुरूआत करने की है. चुनाव परिणाम भले ही कुछ भी रहे हों परंतु अपने संघर्ष एवं जुझारूपन से राहुल गांधी देश का मन जीतने में सफल रहे हैं.
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लिलोठिया ने कहा कि अपने त्याग, स्वच्छ छवि और नेतृत्व क्षमता के कारण इस परिवार का, खास तौर पर राहुल गांधी का कोई विकल्प नहीं हो सकता है. हम राहुल के हर निर्णय का सम्मान करते हैं और उनके नेतृत्व के प्रति आस्था व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश कांग्रेसजनों के लिए अकल्पनीय और असहनीय है. उन्होंने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं तथा संविधान को बचाने एवं देश के ग़रीबों, मज़दूरों एवं किसानों के उत्थान के लिए राहुल के नेतृत्व में जो संकल्प हम सब ने लिया है, वह तभी पूरा हो सकेगा जब वह हमारे अध्यक्ष के रूप में हमारे मार्गदर्शक बने रहें. हम सब को उनके साथ एक नई शुरुआत करने की ज़रूरत है.
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उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हम सब कांग्रेस कार्यकर्ता आगामी 2 जुलाई को दोपहर 12 बजे से कांग्रेस कार्यालय पर एकत्रित होकर, इस दिशा में प्रयास के लिए अनशन की शुरुआत करेंगे. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कांग्रेस शासित राज्यों के 5 मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को मुलाकात कर उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग की. बैठक के खत्म होने के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी के साथ बैठक अच्छी रही. हमने करीब दो घंटे तक बातचीत की. हमने राहुल गांधी को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की इच्छा से अवगत कराया. गहलोत ने कहा कि उम्मीद है कि राहुल गांधी हमारी बात पर विचार करेंगे और सही निर्णय लेंगे.
अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस शासित 5 राज्यों के सीएम ने राहुल गांधी को इस्तीफे की पेशकश की थी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे पर फैसला राहुल गांधी करेंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है और हमने वर्तमान हाताल पर राहुल गांधी से खुलकर चर्चा की. इसके साथ ही गहलोत ने मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की बात पर कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आते ही हमने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. अब राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व को इस पर फैसला लेना है.
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बता दें कि सोमवार को कांग्रेस शासित पांच राज्यों पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने राहुल गांधी से मुलाकात की. बैठक में अमरिंदर सिंह, कमलनाथ, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और वी नारायणसामी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि, कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था. इसके बाद से राहुल गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं. साथ ही उन्होंने ताकीद की थी कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार से किसी को न चुना जाए. हालांकि, पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें.
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