Wednesday, February 5

काँग्रेस की विडम्बना विनम्रता है। पार्टी के छोटे से बड़े नेता तक में इसकी कमी है। विनम्रता से ही पात्रता का भान होता है ओर विनम्रता ही से मित्र बनते हैं। अहंकार और धृष्टता अलगाव पैदा करते हैं। दूसरी सबसे बड़ी कमी है ज़िम्मेदारी लेने कि, काँग्रेस में सभी प्यादे से लेकर वज़ीर तक ज़िम्मेदारी डालते हैं निभाते नहीं। पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) प्रमुख एचडी देवगौड़ा ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के लिए उनकी पार्टी के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहराने की कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी से उन्हें ‘दुख’ पहुंचा है. देवगौड़ा ने कहा, ‘मुझे दुख हुआ जब एक बैठक में उनके (कांग्रेस के) राष्ट्रीय महासचिव की मौजूदगी में किसी ने(कांग्रस नेता ने) कहा कि पार्टी जद (एस) के साथ गठजोड़ की वजह से मुश्किल में थी.’

बेंगलुरु: लोकसभा चुनाव में कारारी हार के बाद कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी खुद कुर्सी छोड़ने पर आमदा हैं. पार्टी मीटिंग में वे कह चुके हैं कि इस हार की जिम्मेदारी पार्टी में कोई लेने को तैयार नहीं है. वहीं पार्टी के दूसरे नेता हार पर चुप्पी साधे हुए हैं. कर्नाटक में कांग्रेस ने हार के लिए सहयोगी जेडीएस को जिम्मेदार ठहराया है. इस बात से जेडीएस के वरिष्ठ नेता एचडी देवेगौड़ा काफी आहत हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) प्रमुख एचडी देवगौड़ा ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के लिए उनकी पार्टी के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहराने की कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी से उन्हें ‘दुख’ पहुंचा है. देवगौड़ा ने कहा, ‘मुझे दुख हुआ जब एक बैठक में उनके (कांग्रेस) गठजोड़ की वजह से मुश्किल में थी.’

यहां पत्रकारों से देवगौड़ा ने कहा कि मई 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में त्रिशंकु नतीजे आने के बाद कांग्रेस नेता ही इस इच्छा के साथ उनके पास आए थे कि एचडी कुमारस्वामी गठबंधन सरकार की अगुवाई करें. उन्होंने कहा, ‘हमने कभी नहीं कहा कि कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनना चाहिए.’

देवगौड़ा ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो क्या 37 सीटों के आधार पर (मुख्यमंत्री पद) के लिए कहना धर्म है? वे (कांग्रेस नेता) दिल्ली के आला कमान के आदेश पर आए थे और कहा था कि कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनना चाहिए.’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए मलिक्कार्जुन खड़गे, मौजूदा उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर या वरिष्ठ कांग्रेस नेता के एच मुनियप्पा का नाम सुझाया था.