अमेठी विजय के पश्चात समृति लोगों का विश्वास भी जीत रहीं हैं

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर पहुंची स्मृति ईरानी को उस वक्त अजीबो-गरीब स्थिति का सामना करना पड़ा जब एक महिला मंच पर आकर उनके पैरों में गिर पड़ी. यह देख केंद्रीय मंत्री का दिल पसीज गया और उन्होंने रोती-बिलखती महिला को अपने सीने से लगा लिया.

स्थानीय महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि परिवार के सदस्यों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. उसे न्याय दिलाया जाए. स्मृति ईरानी ने मामले का संज्ञान लिया और महिला को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.

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केंद्रीय मंत्री ईरानी गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के साथ शनिवार 22 जून से अमेठी के दो दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने सावंत के साथ 22 जून को दोपहर 12 बजे बरौलिया गांव में दिवंगत बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह के परिजनों से भेंट की. इसके बाद तिलोईं के विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह द्धारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और वहां राजा विश्वनाथ शरण सिंह इंटर कॉलेज परिसर में एक जनसभा को संबोधित किया.

इस दौरान अपने भाषण में स्मृति ने कहा कि किसी ने भी नहीं सोचा था कि एक साधारण परिवार की महिला को आपके प्रतिनिधि बनने का अवसर मिलेगा. एक ऐसे क्षेत्र में जो ‘नामदार’ का गढ़ था, जहां यह माना जाता था कि भले ही सांसद 5 साल तक नहीं लौटे, लोग उसे स्वीकार करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि यह सामाजिक क्रांति तब आई जब सभी लोगों ने मतदान केंद्रों पर जाकर कमल के फूल के बटन को दबाया और संदेश दिया कि ‘नामदार’ के लिए लोकतंत्र नहीं बनाया गया है. इस कार्यक्रम में  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत तमाम बीजेपी नेता मौजूद थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव 2019 में ‘नामदार’ शब्द का इस्तेमाल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए किया था. स्मृति ईरानी ने इन्हीं चुनावों में कांग्रेस का अभेद किला कहे जानी वाली अमेठी सीट से राहुल को करीब 45000 वोटों से शिकस्त दी.

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