प्रशासन की अनदेखी, धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब

www.demokraticfront.com: पंकज गुप्ता
पंचकूला के गांवों और कॉलोनियों में बहुत ही आसानी से मिल जाती है देसी शराब। कहीं किसी राशन की दुकान पर तो कहीं किसी घर मे या फिर किसी झुग्गी मे।

पंचकूला में धड़ल्ले से चल रही है अवैध शराब की बिक्री वी भी जबकि पुलिस विभाग और आबकारी विभाग दावा करता है अपनी सतर्कता का। प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे हैं अवैध अस्थायी ठेके और आहते। कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाने में सम्बंधित विभागों के कर्मचारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि पुलिस और आबकारी विभाग का प्राथमिक कर्तव्य ही सतर्कता है।
चाहे गाँव कुंडी हो या मदनपुरा या फिर कोई भी कॉलोनी, राजीव कॉलोनी, इन्दिरा कॉलोनी , बच्चों को भी पता है शराब किस दुकान पर बिकती है।

ये ठेके ज़्यादातर उन ठेकेदारों द्वारा ही अपने कारिंदों के माध्यम से चलाए जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक इन कामों में ज़्यादातर लोग आर्थिक रूप से सशक्त हैं और इन कामों को उन इलाकों में चलाते हैं जहाँ आर्थिक रूप से कमज़ोर रूप के लोग रहते हैं । उनको माल्टा या सन्तरा नाम की शराब सस्ती मिल जाती है । स्थानीय लोगों की मानें तो घटिया शराब पी कर कई लोग या तो गम्भीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं और कई बार मौत भी हो जाती है इस तरह के मामले प्रभाव के चलते उजागर नहीं होने दिए जाते ।
इस विषय परआबकारी इंस्पेक्टर स्वतन्त्र कुमार ने बताया कि पिछले दिनों कुंडी गांव से देसी शराब की 24 पेटियां बरामद की गई । लेकिन इसके बावजूद वहाँ अभी भी काम चल रहा है। अधिक जानकारी देते हुए अतिरिक्त आबकारी अधिकारी संजीव मित्तल ने बताया कि 12 जून को जब उन्होंने कुंडी गांव में छापा मारा तो कुछ भी बरामद नहीं हुआ परन्तु 14 जून को दोबारा छापेमारी के समय 24 पेटियाँ देसी शराब बरामद हुई । पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि लेबल पर लिखी जानकारी के अनुसार ये शराब हरियाणा राज्य की ही है परंतु पंचकूला में अन्य किसी जिले से ला कर बेची जाती है। सबसे बड़ी बात उन्होंने यह स्वीकार की कि इस पर और कोई कार्यवाई नहीं की गई। कार्यवाई क्यों नहीं किए जाने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। छापेमार टीम में आबकारी अधिकारी सरीना और निरीक्षक स्वतंत्र कुमार शामिल थे।

इस अवैध धंधे से न केवल राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
इस खिलवाड़ में प्रशासन चाहे आबकारी विभाग हो या के पुलिस प्रशासन हर विभाग के विभिन्न कर्मचारी और अधिकारियों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता।

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