हड़ताली डाक्टरों की मांग माफी से कम कुछ भी नहीं

कोलकाताः इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है. पहले दिन की हड़ताल के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय मेंचर्चा के लिए जूनियर डॉक्टरों को आमंत्रित किया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि डॉक्टरों के साथ चर्चा करने के लिए ममता बनर्जी को NRS आना होगा, वे नहीं जाएंगे.

500 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
आईएमए ने अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ होने वाले हिंसा की जांच के लिए कानून बनाने की मांग की है. संगठन का कहना है कि इसका उल्लंघन करने वालों को न्यूनतम सात साल जेल की सजा का प्रावधान होना चाहिए. वहीं, बंगाल में अब तक 500 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं, जिसमें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के 175 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया है.

ममता बनर्जी के सामने रखी है यह 6 शर्ते
जूनियर डॉक्टरों के जॉइंट फोरम के प्रवक्ता डॉ.अरिंदम दत्ता ने हड़ताल वापस लेने के लिए सीएम बनर्जी के सामने छह शर्तें रखी हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को डॉक्टरों को लेकर दिए गए बयान पर बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए
डॉक्टरों पर हुए हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी करना चाहिए
पुलिस की निष्क्रियता की जांच होनी चाहिए
डॉक्टरों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए
जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों पर लगाए गए झूठे आरोपों को वापस लिया जाना चाहिए
अस्पतालों में सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए.

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