एससीओ सम्मेलन में प्रधान मंत्री मोदी ने इमरान को किया नज़रअंदाज़

एससीओ शिखर सम्मेलन में यदि कोई सबसे चर्चित चेहरा रहा तो वह हैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। उनके हाव भाव, आचरण और भारत को ले कर उनकी भाषा। प्रधान मंत्री मोदी ने इमरान खान पर इस तरह से मानसिक दबाव बनाया के उनके आचरण में बौखलाहट और ढिठाई साफ नज़र आने लग पड़ी। विश्व पटल पर इमरान का कुर्सी प्रेम भी ज़ाहिर हो गया। विश्व के नेताओं के स्वागत में जब सभी नेता गण और प्रतिनिधि मण्डल आदर देने को खड़े थे तब मियां इमरान अपनी कुर्सी पर पसरे हुए थे।

बिश्‍केक:

किर्गिस्‍तान की राजधानी में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ (SCO) शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए पहुंचे पीएम मोदी और पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान के बीच कोई मीटिंग नहीं हुई. सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों नेताओं के बीच दुआ-सलाम तक नहीं हुई.

पाक-भारत संबंध सबसे खराब दौर में: इमरान
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत के साथ उनके देश के संबंध शायद अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने आशा जताई कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी कश्मीर सहित सभी मतभेदों को हल करने के लिए अपने ‘प्रचंड जनादेश’ का उपयोग करेंगे.

बिश्केक के लिए रवाना होने से पहले रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को दिए एक ‘इंटरव्यू’ में खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने उन्हें दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारतीय नेतृत्व के साथ बात करने का अवसर दिया है. खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए एक नया मंच दिया है. उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं.

Sources: There was no meeting between Prime Minister Narendra Modi and Pakistan PM Imran Khan. No exchange of pleasantries between the two leaders. #SCOSummit (file pics) pic.twitter.com/wMvoy19LgY2,2619:49 PM – Jun 13, 2019Twitter Ads info and privacy371 people are talking about this

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं. गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है.

वहीं, खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिख कर सभी मुद्दों पर वार्ता बहाल करने की अपील की है.

पीएम मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात
पीएम मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी वार्ता के दौरान सीमा पार से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और कहा कि भारत वार्ता बहाली के लिए आतंक मुक्त माहौल बनाने के मकसद से पाक द्वारा ठोस कार्रवाई किए जाने की उम्मीद करता है.

इमरान खान ने कहा कि मुख्य जोर शांति बहाल करने और वार्ता के जरिए मतभेदों को दूर करने पर होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारा मुख्य मतभेद कश्मीर (मुद्दा) है. और यदि दोनों देश फैसला करते हैं तो यह मुद्दा हल हो सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से हमें (इस सिलसिले में) भारत की ओर से ज्यादा सफलता नहीं मिली है.

खान ने कहा, ‘‘लेकिन हम आशा करते हैं कि मौजूदा प्रधानमंत्री (मोदी) के पास प्रचंड जनादेश है, हम आशा करते हैं कि वह बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति कायम करने में इसका उपयोग करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि पैसों का इस्तेमाल लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में किया जाना चाहिए. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए यह बात कही जिसने अपने लाखों लोगों को गरीबी के भंवर जाल से बाहर निकाला है.

खान ने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि भारत के साथ हमारा तनाव घटेगा, इसलिए हमें हथियार नहीं खरीदना है क्योंकि हम मानव विकास पर धन खर्च करना चाहते हैं. लेकिन हां, हम रूस से हथियार खरीदने पर विचार कर रहे हैं और मैं जानता हूं कि हमारी सेना रूसी सेना के साथ संपर्क में है.’’ उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान रूस के साथ पिछले कुछ बरसों से संयुक्त सैन्य अभ्यास करता आ रहा है. इसके अलावा वह रूस से रक्षा खरीद भी कर रहा है जिसने नयी दिल्ली को कुछ चिंतित किया है.

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