अतिरिक्त ‘8’ सीटों ने राहुल को सरकार पर तंज़ कसने का हौसला दिया

राहुल गांधी के जोश भरे भाषण से कॉंग्रेस ने क्या पाया पता नहीं, परंतु एक बात सर्व – विदित हो गयी की संसद में एक बार फिर अगले पाँच साल तक सिर्फ हँगामा ही होगा। राहुल के बयान से जाहिर होता है की जब हम 44 थे तब ही हमने इतने रोड़े अटका दिये थे अब तो हम फिर 52 हैं सोचो क्या क्या कर सकते हैं? दूसरे उन्होने आज के भारत की तुलना अंग्रेजों के राज से कर दी जिसकी भरपूर भर्त्सना की जा रही है। राहुल यहाँ एक बार फिर आज़ादी गैंग के साथ खड़े दिखाई पड़ते हैं। उन्होने अपने बयान मे भारत की हर सरकारी संस्था को कांग्रेस विरोधी बताया जबकि हालात बिलकुल उलटे नज़र आते हैं। राहुल न तो संस्थाओं में विश्वास रखते जान पड़ते हैं अपितु वह अपने अनुयाइयों को भी संस्थाओं के विरुद्ध प्रेरित करते जान पड़ते हैं। हार से कांग्रेस ने कुछ सबक लिया हो ऐसा कहीं नहीं जान पड़ता।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल की पहली बैठक में कहा, ‘आप स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहले ऐसे लोग हैं, जो किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं, बल्कि देश की हर संस्था के खिलाफ चुनाव लड़े. ऐसी कोई संस्था नहीं थी जो लोकसभा चुनाव में आपसे लड़ी नहीं हो और आपको रोकने की कोशिश नहीं की हो. आप ऐसी हर संस्था से लड़े और लोकसभा पहुंचे. इस पर आपको गौरवान्वित होना चाहिए.’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मुझे जरा भी संदेह नहीं है कि कांग्रेस फिर से मजबूत होगी. आगे ऐसी कोई संस्था नहीं है जो आपको सहयोग करेगी, कोई नहीं करेगी. यह ब्रिटिश काल जैसा है जब किसी एक संस्था ने भी कांग्रेस का सहयोग नहीं किया था, इसके बावजूद हम लड़े और जीते. हम फिर जीतेंगे.’ बाद में उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हम अपने संविधान और संस्थाओं की रक्षा के लिए बब्बर शेर की तरह काम करेंगे और संसद में भाजपा को वाकओवर का कोई मौका नहीं देंगे.

सदस्‍यों में जोश भरने की कोश‍िश
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद निराश पड़े कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं नेताओं में जोश भरते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि लोकसभा में 52 सांसद होने के बावजूद उनकी पार्टी अगले पांच वर्षों तक भाजपा के खिलाफ इंच-इंच लड़ेगी और जीतेगी. गांधी ने कहा कि संविधान और देश की संस्थाओं को बचाने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ता ‘बब्बर शेर’ की तरह काम करेंगे.

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आपको पहले समझना होगा कि आप क्या हैं. अगर आप लड़ने जा रहें तो यह पता होना चाहिए कि किसके लिए लड़ने जा रहे हैं? आप इस देश के संविधान के लिए लड़ रहे हैं. आप इस देश के हर नागरिक के अधिकार के लिए लड़ रहे हैं चाहे उसका रंग, धर्म, लिंग और राज्य कुछ भी हो.’ गांधी ने कहा, ‘‘यह भी समझिए कि आपके खिलाफ कौन लड़ रहे हैं? घृणा, कायरता और गुस्सा आपके खिलाफ लड़ रही है. विश्वास का अभाव, आत्मविश्वास का अभाव आपके खिलाफ लड़ रहे हैं. जो लोग इस संसद में हमारा विरोध कर रहे हैं वो नफरत और गुस्से का इस्तेमाल करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार अगर स्पीकर हमें पांच मिनट का समय देती थीं तो इस बार यह दो मिनट भी हो सकता है, लेकिन इन दो मिनटों में भी हम उस बात को रखेंगे जिसमें कांग्रेस पार्टी विश्वास करती है. हम संविधान की रक्षा को सबसे आगे रखेंगे.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ वरिष्ठ नेताओं के चुनाव हारने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अगर कुछ पुराने चेहरे चुनाव जीते होते तो मुझे खुशी होती क्योंकि पिछली बार 5-10 ऐसे लोग थे जिन्होंने हमारा शानदार ढंग से सहयोग किया. अगर आज वो हमारे साथ नहीं हैं तो मुझे बहुत दुख है। पंरतु वे वैचारिक रूप से हमारे साथ खड़े हैं.

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply