Sunday, December 22

हाल जी में गिरफ्तार हुए वायुसेना के 4 अफसरों की हत्या के आरोपी और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बहन का अपहरण करने वाले यासीन मालिक के लिए बहुत ज़्यादा चिंतित हैं। अभी हाल ही में महबूबा ने कहा कि इस एक महीने के लिए सेना द्वारा चलाए जाने वाले खोजी अभियानों (सर्च ऑपरेशन) और अन्य कड़ी कार्रवाई पर रोक लगनी चाहिए. पिछले साल भी उनकी यह अपील मान ली गयी थी तो आतंकियों को नए पनागाह ढूँढने और बनाने में बड़ी सुविधा हुई थी। सेना के सफाई अभियान को बड़ा झटका था ऑपरेशन बीच में रोकना।

श्रीनगर: अपने विवादित बयानों को लेकर लगतार चर्चाओं में बनी रहने वालीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई हैं. दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि मुस्लिम धर्म का सबसे बड़ा त्योहार पवित्र रमजान का महीना आने वाला है. इस दौरान लोग दिन-रात दुआ मांगने मस्जिदों और इबादतगाहों में जाते हैं. महबूबा ने कहा कि मेरी भारत सरकार से अपील है कि बीते साल की तरह ही इस बार भी रमजान के महीने में सीजफायर हो. 

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस एक महीने के लिए सेना द्वारा चलाए जाने वाले खोजी अभियानों (सर्च ऑपरेशन) और अन्य कड़ी कार्रवाई पर रोक लगनी चाहिए. इससे राज्य के लोगों को कम से कम एक महीने आराम से बिताने को मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं आतंकियों से भी अपील करूंगी कि वे रमजान के महीने में कोई भी हमला न करें क्योंकि, रमजान का पवित्र महीना इबादत और दुआ मांगने का है.

हाल ही में महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी इस टिप्पणी को लेकर निशाना साधा था कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए ने राज्य को ”बहुत नुकसान” पहुंचाया है. महबूबा ने कहा कि ये अनुच्छेद देश के साथ उनके संबंधों का आधार है. महबूबा ने कहा, ”अनुच्छेद 370 देश के साथ हमारे रिश्तों और जुड़ाव का आधार है और अगर प्रधानमंत्री को लगता है कि इसके कारण कश्मीर को नुकसान हुआ तो उन्हें कश्मीर छोड़ देना चाहिए.”

बता दें कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है और राज्य से संबंधित कानून बनाने की संसद की शक्ति को सीमित करता है. अनुच्छेद 35ए राज्य विधानसभा को विशेषाधिकार देने के लिए ‘स्थायी निवासियों’ को परिभाषित करने की शक्ति देता है.