हमले की निंदा करते हुए भी झूठ बोलने से बाज़ नहीं आया पाकिस्तान
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की निंदा तो की लेकिन झूठ बोलने से बाज नहीं आया.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की निंदा तो की लेकिन झूठ बोलने से बाज नहीं आया. पाकिस्तन ने पुलवामा हमले पर प्रतिकिया देते हुए कहा कि बिना जांच के इसके तार इस्लामाबाद से जुड़े होने के भारत के आरोप ठीक नहीं.
गौरतलब है कि पुलवामा में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 37 जवान शहीद हो गए जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं. घंटों की चुप्पी के बाद आधी रात के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया. बयान में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुआ हमला ‘गंभीर चिंता का विषय है.” उसमें कहा गया है, “हमने हमेशा घाटी में हिंसक घटनाओं की निंदा की है.”
पाकिस्तान ने इस आरोप को खारिज किया कि वह कहीं भी इस हमले से जुड़ा हुआ है. बयान में कहा गया है, “हम जांच के बगैर इस हमले से पाकिस्तान को जोड़ने की भारत सरकार के किसी भी व्यक्ति या मीडिया की कोशिशों को सिरे से खारिज करते हैं.”
चीन ने मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने की मांग को नकारा
चीन ने शुक्रवार को पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की है, लेकिन उसने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराए जाने की भारत की अपील का समर्थन करने से एक बार फिर इनकार कर दिया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने पत्रकारों से कहा, “चीन आत्मघाती हमले की खबरों से वाकिफ है. हम इस हमले से गहरे सदमे में हैं और मृतकों तथा घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं.”
गेंग ने कहा, “हम आतंकवाद के किसी भी रूप की कड़ी निंदा और पुरजोर विरोध करते हैं. उम्मीद है कि संबंधित क्षेत्रीय देश आतंकवाद से निपटने के लिए एक दूसरे का सहयोग करेंगे और इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व के लिये मिलकर काम करेंगे.”
अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, जहां तक सूचीबद्ध करने की बात हैं, मैं बस यही बता सकता हूं कि सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के प्रस्ताव संख्या 1267 के तहत आतंकवादी संगठनों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया और नियम स्पष्ट हैं.”
अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों से भारत की अपील के बारे में उन्होंने कहा, “जैश-ए-मोहम्मद को सुरक्षा परिषद की आतंकवाद प्रतिबंध सूची में रखा गया है. चीन संबंधित प्रतिबंधों के मुद्दे से रचनात्मक और जिम्मेदार तरीके से निबटना जारी रखेगा.”
पाकिस्तान के करीबी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो शक्ति प्राप्त चीन अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने की भारत की कोशिशों को कई बार विफल कर चुका है. उसका कहना है कि इस मुद्दे को लेकर सुरक्षा परिषद में कोई सहमति नहीं है.
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