आपके और मुख्यमन्त्री के पूछने से पेमेंट नही होती, कायदे से होगी—– निगम कमिशनर जोगपाल
Raj Kumar, पंचकुला 12 फरवरी :
पंचकुला शहर मे विकास कार्यों के नाम पर किए गए घोटालों के कारण रोजाना नगर निगम विभाग के आलाधिकारी सुर्खियो मे रहते है। कुछ समाजिक संस्थाओं ने इन अधिकारिओं के खिलाफ मोर्चा भी खोला हुआ है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।
लेकिन अब नगर निगम विभाग के कुछ आला अधिकारियों के द्वारा शहर को कुड़ेदान बनाकर शहर मे गन्दगी फैलाकर बीमारियों को न्यौता देने की पूरी तैयारी हो चुकी है। क्योंकि आज डंपिंग ग्राउंड मे कूड़ा डालने की भी जगह नही बची है। डंपिंग ग्राउंड के गेट और चारों तरफ सड़क पर दर्जनों व्हीकल कूड़ा गिराने के लिए खड़े है।लेकिन हालात इतने ज्यादा खराब हो गए है की डंपिंग ग्राउंड मे कूडे के ढेर लगे हुए है।इसका सबसे बड़ा कारण है की नगर निगम विभाग ने चैन डोजर मशीन के मालिक की पेमेंट नही कि है। इस मशीन के जरिए कूडे को बिछा कर दबा दिया जाता था। लकीन अब खनापूर्ती के लिए नगर निगम विभाग ने 4 जे सी बी मशीन लगा रखी है। जिनसे सिर्फ डीजल की बर्बादी ही हो रही है।
शहर मे फैल रही गन्दगी और डंपिंग ग्राउंड के मुद्दे पर जब नगर निगम विभाग के कमिशनर जोगपाल से बात की तो उल्टा उनोन्हे ने सभी आरोप एम खेमका पर जड़ दिए की उसने सही से काम नही किया।और इसकी विजीलैंस जाँच कर रही है।इस दौरान कमिशनर साहब इतने तिलमिला गए और अपना आपा खो गए,कमिशनर साहब ने कहा की आप के पूछने और मुख्य मन्त्री (सीएम) के पूछने पर पेमेंट नही होती कायदे से होगी।
डंपिंग ग्राउंड के साथ लगते सैक्टरों के निवाशियो का रहना दूबर हो गया है। साथ ही यहाँ से गुजरने वाले राहगीरों को गंदी बदबूं के कारण भारी परेशानी का सामना करना पङ रहा है।हालात इतने ज्यादा बद से बदतर हो गए है कि सडे हुए कूडे के ढेरों पर और कूडे से भरी खडी गाडियों मे मक्खी मच्छर पैदा हो रहे जो सिर्फ बीमारियों को न्यौता दे रहे है। इस बारे मे जब चैन डोजर मशीन के मालिक एम खेमका से बात कि तो उसने बताया कि डंपिंग ग्राउंड मे मशीन चलाने के लिए एक वर्ष का ठेका नगर निगम विभाग के साथ हुआ था लेकिन पिछले पांच महीने से नगर निगम विभाग ने उनकी लाखों रुपये कि पेमेंट नही की है।खेमका ने बताया की वह काम करने के लिए आज भी तैयार है, अगर निगम उनकी पेमेंट कर दे ।आज भी मशीन डंपिंग ग्राउंड मे खडी है।खेमका ने बताया की उनको हार थक कर अब नयालय का सहारा लेना पड़ा है।
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