लोकतन्त्र खतरे में आ ही गया, माया, ममता और नायडू ने अखिलेश को रोके जाने की की भर्त्स्ना
प्रधान मंत्री और भाजपा अध्यक्ष सहित उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री को अपने प्रदेश में प्रवेश न देने वाली ममता को अखिलेश को प्रयागराज जाने से रोकने पर लोकतन्त्र खतरे में दिखाई पड़ रहा है।असल में यदि अखिलेश अपनी छवि के अनुसार एएमयू जा रहे होते तो शायद उन्हे न रोका जाता, परंतु जिस पिता को यह फख्र है की उसने 300 करी सेवक मरवाये थे, उसके पुत्र को कारसेवकों के बीच जाने से वाकयी अराजक तत्त्वों का सामना करना पड़ सकता था। शायद ममता और चंद्रबाबू नायडू की यही मंशा थी। जानते तो अखिलेश भी थे की हिन्दू समागमों में उनकी समाजवादी वाली छवि प्रशासन के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है, अत: यह उनकी तरफ से भी एक राजनैतिक चाल हो सकती है।
समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर अचानक ही प्रशासन द्वारा प्रयागराज जाने से रोक लिए जाने की खबर सामने आने के बाद सभी राजनीतिक दल इसके विरोध में उतर आए हैं. अखिलेश यादव छात्र संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रयागराज जा रहे थे. एयरपोर्ट पहुंचने के बाद उन्हें रोक दिया गया.
इसके विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू सामने आए हैं. ममता बनर्जी ने यूपी सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की और कहा- ‘अगर योगी राज में एक पूर्व मुख्यमंत्री को किसी कॉलेज के प्रोग्राम में हिस्सा लेने से रोक दिया जाता है तो वहां ‘रुकावट’ है. ‘रुकावट के लिए खेद है’… आज देश में ऐसी हालत हो गई है कि लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने की इजाजत नहीं है.’
ममता बनर्जी ने गुजरात में जिग्नेश मेवानी को भी रोके जाने की बात उठाई. उन्होंने कहा- ‘गुजरात में एक यूनीवर्सिटी के कार्यक्रम में भाग लेने से जिग्नेश मेवानी को भी रोका गया था. उसे बीजेपी के गुंडों द्वारा डराया गया था और वो हमें सीखाते हैं. नफरत की राजनीति वो करते हैं. देश में इसके पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ था. ये दुखद है. मैं इसकी भर्त्सना करती हूं.’
वहीं आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी इस घटना की घोर निंदा की और कहा: ‘समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के खिलाफ लखनऊ के अधिकारियों के व्यवहार की मैं कड़ी निंदा करता हूं. ये अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ भाजपा की असहिष्णुता का एक और उदाहरण है. वास्तव में लोकतंत्र खतरे में है.’
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था. वो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव को रोके जाने पर कहा है कि उनके इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जाने से अराजकता का माहौल पैदा हो सकता है. इस पर अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा ‘घबराई हुई सरकार है ये यूपी की. नौजवान इंतजार कर रहा है कि उसे कब मौका मिलेगा. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी जी ने भी अपने यहां भोजन रखा था. ये यूपी के सीएम कैसे साधु-संत हैं. जो दूसरे साधु-संतों से नहीं मिलने देना चाहते. उनसे क्या सीखोगे- ठोको नीति, रोको नीति.’
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!