कला को बढावा देने के लिए सरकार ने चलाई कई योजनाएं -ज्ञानचंद गुप्ता
सात दिवसीय सांग उत्सव का किया शुभारम्भ
पंचकूला 11 फरवरी। पंचकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा सैक्टर 5 स्थित इन्द्रधनुष में सात दिवसीय सांग कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलत कर शुभारम्भ किया।
इस मौके पर विधायक ने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में हरियाणवी संस्कृति को बढावा देने के लिए कला एंव सांस्कृतिक कार्य विभाग के माध्यम से इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करवा कर अपनी प्राचीन संस्कृति को सशक्त ही अपितु इसे तरोताजा करने की दिशा में बेहतर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेकों स्कीमों के माध्यम से उन्हें लाभान्वित भी किया जा रहा है ताकि वे संस्कृति को सजीव बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में अच्छा संदेश जाता है और युवा पश्चिमी कल्चर की ओर न बढते हुए अपनी संस्कृति को अपनाने की दिशा को परिवर्तन कर सके।
इस अवसर पर निदेशक महेश्वर शर्मा ने बताया कि हरियाणवी संस्कृति को सशक्त एवं तरोताजा करने के उद्वेश्य से विभाग द्वारा सांग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि लगातार चलने वाले सांग उत्सव मेें 12 फरवरी को शरीफ काला द्वारा पं0 मांगेराम की प्रणाली पर आधारित चाप सिंह का सांग प्रस्तुत किया जाएगा। इसी प्रकार 13 फरवरी को पं0 रामशरण का सांग सत्यवान सावित्री तथा 14 फरवरी को श्यामलाल द्वारा ज्ञानी चोर एवं 15 फरवरी को बाबू दान सिंह द्वारा अजीत सिंह राजबाला का सांग प्रस्तुत किया जाएगा। इसी प्रकार 16 फरवरी को कुलदीप कलाकार बनदेवी एसं 17 फरवरी को संजय मलिक द्वारा राजा हरिश्चन्द्र सांग की प्रस्तुति दी जाएगी।
सांग उत्सव के पहले दिन की प्रस्तुति में सतबीर सिंह ने अपने कलाकारों के माध्यम से पिंगला भरथरी का सांग प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने बताया कि पिंगला भरथरी के सांग में सतबीर सिंह ने उज्जैन शहर में राजा गंधर्व सैन राज करते थे। इनके दो लड़के थे। बड़े बेटे का नाम भरथरी तथा छोटे बेटे का नाम विक्रम था। भरथरी शादीशुदा था जिसकी रानी का नाम पिंगला था। पिंगला घुड़शाला के दरौगा से प्यार करती थी। एक दिन भरथरी की गैर हाजिरी में पिंगला दरौगा के साथ चौपड़ सार खेल रही थी। उधर से विक्रम कालेज से छुट्टी करके अपने घर आता है तो उसे इस बात का पता लग जाता है कि रानी दरौगा से चौपड़सार खेलते हुए प्यार का इजहार कर रही है। वह इसकी शिकायत अपने बड़े भाई भरथरी से करता है लेकिन पिंगला के कहने पर राजा भरथरी अपने भाई को जल्लादों से कत्ल करने का आदेश दे देता है। जल्लाद विक्रम पर रहम करते हैं और उसे ंिजंदा छोड़ देते है। जब भरथरी को सच्चाई का पता चलता है तो वह सन्यास लेकर विक्रम को राजा बना देता है।
कार्यक्रम में समस्त कलाकारों को विभाग की ओर से स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट उनको सम्मानित किया। कार्यक्रम में सांस्कृति एवं कला विभाग इंचार्ज रेणू हुडडा, सांस्कृतिक अधिकारी तानिया जीएस चौहान, हृदय कौशल, शिव कुमार, राजेश कुमार सहित दर्शक भी मौजूद रहे।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!