श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को ब्रह्म मुहूर्त में प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए जाएंगे

इस वर्ष भगवान श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को ब्रह्म मुहूर्त में प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। रविवार को वंसत पंचमी पर नरेंद्रनगर राजदरबार में कुल पुरोहितों ने महाराज मनुज्येंद्र शाह की जन्म कुंडली देखकर मंदिर के कपाट खोलने का मुहूर्त निकाला। भगवान बद्री विशाल के महाभिषेक के लिए तिलों का तेल 24 अप्रैल को पिरोया जाएगा।

राजदरबार में आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल और संपूर्णानंद जोशी ने गणेश, पंचांग और चौकी पूजन के बाद महाराजा मनुज्येंद्र शाह का वर्षफल और ग्रह नक्षत्रों की दशा देखकर भगवान श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तिथि घोषित की। भगवान बद्रीविशाल के महाभिषेक के लिए स्थानीय सुहागिन महिलाएं महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह के नेतृत्व में 24 अप्रैल को राजदरबार में तिलों का तेल निकालेंगी। उसके पश्चात गाड़ू-घड़ा यात्रा को लेकर डिम्मर पंचायत के लोग अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान करेंगे।

इस बीच यात्रा ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, डिमर गांव और पांडुकेश्वर आदि स्थानों पर प्रवास करने के बाद नौ मई को बद्री विशाल के मंदिर में पहुंचेगी। 10 मई को तिलों के तेल से भगवान बद्रीविशाल के महाभिषेक के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। महाराजा मनुज्येंद्र शाह का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनकी पुत्री राजकुमारी श्रृजा ने बतौर महाराजा के प्रतिनिधि के रूप में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर महारानी व टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, सीईओ बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन उनियाल, डिमरी धार्मिक पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, राकेश डिमरी, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ आदि उपस्थित थे।

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