लेबर कालोनी वासियो ने किया विजय बन्सल का स्वागत

मकानों को तोड़ने के मामले में बंसल के मार्गदर्शन में दायर करी याचिका,5 मार्च को होगी अगली सुनवाई 

पिंजोर। सूरजपुर सुखोमाजरी बाईपास को बनाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा लेबर कालोनी के सेकड़ो घरों को पिला पंजा चलकर उजाड़ दिया गया था जिसके विरोध में पीड़ित मकान मालिकों द्वारा विजय बंसल,पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार के मार्गदर्शन में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर करी गई जिसे लेकर माननीय न्यायालय ने सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को दस्ती नोटिस करते हुए 5 मार्च को पेश होने के आदेश दिए है।इसी के चलते ग्रामीणों व गरीबो में खुशी की लहर है , और विजय बंसल का फूल माला पहनाकर गांव में गर्मजोशी से स्वागत किया।पूर्व पार्षद सीमा देवी,पूर्व सरपंच योगेंद्र ठाकुर, भीम सेन,सतपाल,धन्नू ,रामअवतार,रमेश, टुकीराम,जय सिंह आदि ने बन्सल के प्रयासों व मार्गदर्शन दिखाने पर धन्यवाद किया व आश्वस्त किया कि उनके नेतृत्व में गरीबो की आवाज को उठाकर हर समस्या का हल करवाया जाएगा।वही, ग्रामीणों ने कहा कि उनके साथ बंसल का साथ वर्षो से है और हर समय उनकी आवाज उठाते रहते है। इसके साथ-साथ बंसल ने आश्वस्त किया कि सरकार की हर जनविरोधीनीति का पुरजोर विरोध करते रहेंगे व स्वागत के लिए धन्यवाद किया।बंसल ने कहा कि माननीय न्यायालय में याचिका न 2997/2019 द्वारा , पीड़ित मकान मालिकों ने बताया है कि लेबर कालोनी को कानूनन गलत तोड़ा गया है, माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यदि सरकार , सरकारी भूमि पर वर्षो से बसे मकान व कालोनी आदि को विस्थापित करती है तो विस्थापित करने से पूर्व 10 किमी के दायरे में पुनःनिवास नीति के तहत मकान व आशियाना फ्लैट्स आदि प्रदान करने आवश्यक है जैसे , पंचकूला में हुड्डा की भूमि और बसी हुई कालोनियों जैसे मद्रासी, राजीव,आजाद कालोनी आदि को विस्थापित करने से पूर्व आईशियाना फ्लैट्स दिए गए थे।लोगो के अनुसार कालोनीवासी यहां 70 वर्षो से रह रहे है तथा क्षेत्र के विकास में योगदान है।साथ ही सरकार ने भी करोड़ो रूपये खर्च करके पीने का पानी,सामुदायिक केंद्र,सड़के,गलियां,बिजली के मीटर,धर्मशाला,स्कूल आदि मूलभूत सुविधाए उपलब्ध करवाई हुई है।1975 से बिजली के मीटर लगे हुए है।ग्राम पंचायत सूरजपुर ने प्रस्ताव पास करके गरीबो को 2-2 बिस्वे के प्लाट दिए हुए है जहां लोगो ने मकान बनाए हुए है,जबकि इनके वोटर,आधार कार्ड आदि बने हुए है तथा सामान्य चुनावो में अपने मतदान का प्रयोग करते है।2007 में बाईपास के लिए इन लोगो के मकानों की जमीन आपातकालीन धारा लगाकर इनकी जमीन अधिग्रहण की गई थी जबकि निर्माण कार्य 2017 मे शुरू हुआ ,हरियाणा सरकार 12 साल में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इनके लिए आवास बनाने में असफल रही।2007 में राष्ट्रीय आवास व पुनः आवास योजना भी बनी हुई है ,जिससे देश मे इसी तरह के लोगो आईशियाना फ्लैट्स दिए हुए है।

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