ममता पर नितीश: ‘नेताओं को अब केवल वोट की चिंता है. देश की नहीं, देश की चिंता कौन करता है?’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब ये पूछा गया कि अगर बिहार में ऐसा होता, तो वो क्या करते? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या हम आपको ऐसे लगते हैं. हमारे यहां किसी अधिकारी पर दाग नहीं है. हम लोग ऐसा काम नहीं करते हैं.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बंगाल में सीबीआई की जांच को लेकर ममता बनर्जी के धरने पर सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन ये जरूर कहा है कि चुनाव आचार संहिता लगने में अभी एक महीने या उससे कुछ ज्यादा है. इस दौरान देश में कुछ भी हो सकता है, क्योंकि नेताओं को अब केवल वोट की चिंता है. देश की नहीं, देश की चिंता कौन करता है?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब ये पूछा गया कि अगर बिहार में ऐसा होता, तो वो क्या करते? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या हम आपको ऐसे लगते हैं. हमारे यहां किसी अधिकारी पर दाग नहीं है. हम लोग ऐसा काम नहीं करते हैं.
लोक संवाद के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात की और कहा कि देश की स्थिति ठीक नहीं है. चुनाव नजदीक है, जब तक चुनाव की घोषणा नहीं होती है और देश में आदर्श चुनाव आचार संहिता नहीं लगती है, तब तक कुछ भी हो सकता है. कटुता का माहौल बनाया जा रहा है. आगे भी ऐसी घटना हो सकती है. मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी के धरने पर कहा कि इसका जवाब उनको ही देना चाहिए, आखिर वो क्यों ऐसा कर रही हैं. हमारी आदत जवाब देने की नहीं है. हम व्यवस्था के मुताबिक काम करते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं तात्कालिक होती हैं, जिनका देश और लोगों पर कोई ज्यादा असर नहीं होता है. लोग घटनाओं को जल्दी ही भूल जाते हैं, उन्हें ये सब याद तक नहीं रहता है. बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये काम कांग्रेस के समय में होता था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के मुताबिक फैसला दिया, जिससे काफी चीजें ठीक हो गईं. अब ऐसा नहीं हो सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ऐसे आते रहे हैं.
सीएम ने कहा कि 2005 में बिहार में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था, लेकिन उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ था. कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी. फैसले को गलत करार दिया था, लेकिन उसी समय चुनावों की घोषणा हो गयी थी. इसलिए ये अनुभव ठीक नहीं है.
कुछ तो बोलेंगे राहुल
पटना में रैली के दौरान राहुल गांधी के बयान पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि चुनाव है, तो कुछ तो बोलेंगे ही. पटना विश्वविद्यालय के बारे में उनको किसी ने बता दिया होगा और लगा होगा कि ये सेंटिमेंटल फैसला है, इसलिए घोषणा कर दी. उन्होंने कह कि जब यूपीए की सरकार थी, तो क्यों नहीं पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया. अब इसलिए बात कर रहे हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे और उनके सामने हमने मुद्दा उठाया था, जिसको खारिज कर दिया गया था. इसीलिए राहुल गांधी ने मुद्दा उठाया होगा.
बिहार की विकास दर क्या है
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गाधी के बेरोजगारी संबंधी बयान पर मत जाइये. आप इस बात पर गौर कीजिये कि बिहार की विकास दर क्या है? हाल में ही आंकड़ा आया है जिसे आप देख सकते हैं. यहां जो काम हो रहे हैं, उनके बारे में पता कीजिए. जब मैं आया था तब विकास दर क्या था और अब क्या है. उन्होंने पहले पर कैपिटा इनकम क्या थी और अब क्या है. फर्क खुद ही पता चल जायेगा.
महागठबंधन है कहां?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राहुल गांधी ने पटना में रैली के दौरान एक बार भी महागठबंधन का नाम नहीं लिया. वो बार-बार गठबंधन बोल रहे थे, तो ऐसे में महागठबंधन है कहां? महागठबंधन का नाम तो हमने दिया था.
राशि के बारे में नहीं जानते
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी की मिनिमन इनकम गारंटी योजना के बारे में सुना है, लेकिन कितनी राशि दी जायेगी, इसके बारे में जानकारी नहीं है. अगर किसी के पास उसका टेप है, तो भेज दें. जानकारी मिलने के बाद ही हम कोई प्रतिक्रिया देंगे, लेकिन ये सिर्फ चुनाव का मुद्दा है. इसे किस तरह से पूरा किया जाएगा ये देखना होगा. चुनाव के समय कुछ भी बोल देना आसान होता है.
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