नए भवनों को ऊर्जा सरंक्षण के तहत बनवाना अनिवार्य-मुकुल कुमार

मण्डल स्तरीय कार्यशाला का आयोजनसंबधित विभाग ऊर्जा सरंक्षण कोड के तहत ही एनओसी जारी करें

पंचकूला 9 जनवरी:

उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि हरियाणा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा ऊर्जा संकट का समाधान व भविष्य की ऊर्जा  आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा  संसाधनों व विकास एवं ऊर्जा  सरंक्षण को बढावा देने का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत 100 केवी लोड से ऊपर के नए भवनों  को एनर्जी कंजरवेशन बिल्डिंग कोड के तहत बनवाना अनिवार्य है। इसके अलावा संबधित विभागों को इसी कोड के तहत एनओसी जारी की जानी है। 

उपायुक्त सैक्टर 1 स्थित रैड बिश्प टयूरिष्ट काॅम्पलेक्स में एनर्जी कंजरवेशन बिल्डिंग कोड क्षमता भवन विषय पर आयोजित एक दिवसीय मण्डल स्तरीय कान्फ्रेस कम कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में अम्बाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, कैथल, पंचकूला के हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, नगर योजनाकार, उद्योग विभाग, प्रदूषण बोर्ड, हाऊसिंग बोर्ड के भवन निर्माण से जुडे हुए पदाधिकारियों के अलावा जिला के आर्किटैक्चरों ने भाग लिया। 

उपायुक्त ने कहा कि विभाग का कार्य नवीनतम ऊर्जा बचत उपकरणों को अनुदान पर उपलब्ध करवाना एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध अक्षय ऊर्जा  के साधनों का समुचित सदुपयोग करना एवं बढावा देना है ताकि अधिक से अधिक सौर ऊर्जा का प्रयोग वाणिज्यिक भवनों, शिक्षण संस्थानोें, अस्पतालों, होटलों आदि एनर्जी कंजरवेशन बिल्डिंग कोड के तहत बनवाकर किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रतिभागी इस कार्यशाला का लाभ उठाकर लोगोें को लाभान्वित करने का कार्य करें।

उपायुक्त ने कहा कि सौर ऊर्जा का असीमित भण्डार है। इसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन में बड़ा ही लाभकारी है। सौर ऊर्जा की असीम शक्ति का प्रयोग वर्तमान में हर क्षेत्र में किया जा सकता है। सरकार द्वारा सौर ऊर्जा के उपकरणों पर भारी अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंचकूला के अधिकांश सरकारी भवनों एवं कार्यालयों मंे एलईडी लाईटों का प्रयोग किया जा रहा है तथा 30 केवी लोड से ऊपर भवनों में ऊर्जा सरंक्षण के उपाय अपनाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि सोलर नीति के तहत 500 वर्ग गज के भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाया जाना भी अनिवार्य किया गया है। 

कार्यशाला को संबोधित करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा ने कहा है कि इस तरह की कार्यशालाएं लाभदायक होती है। इस कार्यशाला का महत्व बड़ा ही अहम है और सभी प्रतिभागी भविष्य में बनने वाले मकानों में इस पद्धति का प्रयोग करके सौर ऊर्जा को बढावा देने का कार्य करेंगें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार सौर ऊर्जा का सदुपयोग करके हम बिजली क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो सकते हैं। कार्यशाला में भवन निर्माण, लाईटिंग, मैटिरियल, बायोमास एनर्जी सहित सौर ऊर्जा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।  कार्यशाला में सौर ऊर्जा विशेषज्ञ मनी खन्ना, कुशाग्र जुनेजा, सुखचैन सिंह, सुरेन्द्र बगा, परियोजना अधिकारी राजेन्द्र सिंह, रवि खन्ना भी मौजूद रहे।

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