मैं कौन हूं कहां से आया हूं और मुझे कहां जाना है:- विवेक मौजी

पंचकुला 1 जनवरी, 2019ः इस धरती पर रहने वाले हर इन्सान की यह इच्छा होती है कि वह लोगों को असाधारण लगे क्योंकि वह जैसा है वैसा दिखना नहीं चाहता जिसकारण आज हर इन्सान दुखी है । यह हर व्यक्तिविशेष पर निर्भर करता है कि इस बारे में उसकी सोच में कितना अन्तर होता है क्योंकि जितना जितना जिसकी सोच में इस बारे अन्तर होता है उतना उतना वह दुखी होता है, ये उद्गार आज यहां यहां सैक्टर 6 में हुए विशाल निरंकारी सन्त समागम में हज़ारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए देहली से आए सन्त निरंकारी मण्डल प्रचार तथा मीडिया विभाग के को-ओर्डिनेटर श्री विवेक मौजी ने व्यक्त किया ।

हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी पहली जनवरी को चण्डीगढ़ के ज़ोनल इन्चार्ज श्री के0 के0 कश्यप के निवास स्थान मकान न0 148 सैक्टर 6 में एक विशाल निरंकारी सन्त समागम का आयोजन किया गया इसमें श्री मौजी ने आगे फरमाया कि मैं कौन हूं कहां से आया हूं और मुझे कहां जाना है इस की जानकारी जब इन्सान को सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा प्रदान किए जा रहे ब्रह्मज्ञान से हो जाती है तो इन्सान को अपनी वास्तविक रूप का पता चल जाता है । जैसे जैसे इन्सान इस ब्रह्मज्ञान को अपने जीवन में ढालता है वैसे-वैसे उसकी जीवन-यात्रा सुखमयी होती चली जाती है ।

इससे पूर्व श्री कश्यप ने इस अवसर पर उपस्थित सभी सज्जनों का धन्यवाद किया व परमात्मा से प्रार्थना की कि नववर्ष सभी के लिए मंगलकारी, सुख-समृद्धि वाला हो ।

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