अज्ञानता की पराकाष्ठा
1 जंगल के शेर:
कहा जाता है की MAN IS BORN FREE जानवरों की भाषा तो हम नहीं समझ सकते, लेकिन मन जा सकता है की उन्हे भी आज़ादी चाहिए। आज़ाद शेर तो जंगल ही में रहते हैं लेकिन कहीं शेरों को चिड़िया के घरों(चिड़िया घरों) में इन्सानों के मनोरंजन के लिए रखा जाता है कुछ समय पहले तक शेरों को व्यावसायिक तौर पर गुलाम बना कर सर्कस में भी रखा जाता था। शेरों का प्रकृतिक निवास स्थान तो जंगल ही है।
वाह रे जंगल के बादशाह तेरे इस हाल पे रोना आया,
बस्तियाँ बसतीं गयी जंगल उजड़ते गए,
लोग साथ आते गए कुदरत से दूर होते गए
2 पूर्व सैनिक
आवकाश प्राप्त सैनिकों को पूर्व सैनिक कहा जाता है। कह सकते हैं की सैनिक हमेशा सैनिक ही रहता है। वीएच कभीभी पूर्व नहीं होता। उम्र के चलते अगर वह सीएम पर नहीं रहता तो समाज में रह कर, सामाजिक बुराइयों से लड़ता है। अगर हम इन्हे गर्व से अपूर्व सैनिक की संज्ञा दें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
3 मम्मी रिटर्न्स
भारतीय संस्कृति या सभ्यता में जन्म देने वाली जननी माता या मान कहा जाता है। आजकल पश्चिमी सभ्यता ई सेंगमरी देखिये की जीती जागती माँ को हमने मम्मी MUMMY) कर दिया। उच्च वर्ग ने माँ को मम्मी कहना शुरू क्यी लेकिन अब हर वर्ग ने इसे अपना लिया है। अब इसे विरोधाभास कहें या अज्ञानता?
4 यार
आजकल एक शब्द यार बहुत प्रचलित हो गया है। कोई ज़माना था जब यार शब्द को अच्छी तरजीह नहीं दी जाती थी। फिल्मों में संवादों में यार शब्द एस तरह से इस्तेमाल किया गया की हर शख्स दूसरे शख्स को यार से संबोधित करने लगा। हद की इंतेहा तो तब हुई जब बाप बेटे को, माँ बेटे को, पति पत्नी को, सहेली सहेली को, पड़ोसन पड़ोसन को, दोस्त दुश्मन को आपसी बातचीत में बेधड़क इस शब्द का इस्तेमाल करने लगे। भाषा किस ओर जा रही है समझा जा सकता है।
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