अभय चौटाला ने भाई पर साधा निशाना


चौधरी देवीलाल ने अपनी विरासत का उत्तराधिकारी चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को चुना था और आज उन्हें ही जननायक का वारिस चुनने का हक है


चौटाला परिवार की आपसी फूट आज फिर उभर कर सामने आयी। एक ओर जहां अजय चौटाला ने जननयक जनता पार्टी का गठन किया वहीं चंडीगढ़ से भी बान छोड़े गए। दोनों ओर से शक्ति प्रदर्शन काफी प्रबल रहा। आज की जींद रैली और चंडीगढ़ में इनेलो की बैठक पर राजनाइटिक दलों और विश्लेषकों की नज़र थी। आपको बता दें पिछले दिनों भी एक ही दिन पारिवारिक फूट पर मुहर लगी थी। आज तो अभय ने अजय को चुनौती दी है कि उनके लिए यही काफी है कि वह अपनी जमानत बचा लें।आबे वाले एक एध महीने में एक बड़ी रैली का आयोजन करेंगे जिसमें इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के भी शामिल होने कि उम्मीद है, फिल हाल वह जेल में हैं।

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में आज राज्य में मेयर के चुनावों के लिए पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की ड्यूटियां लगाई गई। मेयर चुनाव पर बोलते हुए अभय ङ्क्षसह ने कहा कि कांग्रेस मैदान छोडक़र भाग चुकी है। पार्टी के चुनाव चिह्न पर निगम चुनाव न लडक़र कांग्रेस पहले ही हार मान चुकी है। कांग्रेस को यह भी भय था कि प्रदेश की जनता उन्हें नकार चुकी है और गुटबाजी कांग्रेस पार्टी में हावी है। वहीं भाजपा भले ही पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ रही है पर उसे सिंबल पर चुनाव लडऩे के लिए प्रत्याशी नहीं मिले। अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही भाजपा को प्रत्याशी बाहर से इम्पोर्ट करने पड़े हैं।

नेता विपक्ष ने यह भी कहा कि जिस प्रकार मेयर के चुनाव बसपा के साथ गठबंधन में लड़े जा रहे हैं उसी तर्ज पर वह चाहते हैं कि ब्लॉक और जिला परिषद के चुनाव भी इनेलो-बसपा गठबंधन में लड़ें। उन्होंने मनीष ग्रोवर के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी मानसिकता हमेशा ही हिंसक रही है और जाट आंदोलन में भीड़ को उकसाने का काम भाजपा नेता ने ही किया था।

नेता विपक्ष ने यह भी कहा कि ‘जन अधिकार यात्रा’ के माध्यम से इनेलो सभी 90 हलकों में कांग्रेस के दस साल के कुशासन और भाजपा के चार साल के दमनकारी रवैये की पोल खोलेगा। 17 फरवरी को चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की उपस्थिति में कुरुक्षेत्र की धरती पर एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा जो लोकसभा के चुनावों के मद्देनजर प्रदेश की जनता को एकजुट करेगा।

इसके अतिरिक्त पार्टी के युवा दल के अध्यक्ष जस्सी पेटवाड़ के उस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया जिसमें यह कहा गया कि सत्ता में आने के पश्चात पार्टी निजी संस्थानों में भी हरियाणा के युवाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा। इस प्रस्ताव में इस बात पर विस्तार से चर्चा हुई कि नौकरियों के लिए इंटरव्यू के प्रावधान को समाप्त कर ग्रामीण अंचल के उन युवाओं के हक पर डाका डालने का प्रयास किया गया है जो लिखित परीक्षाओं में शहरी और संपन्न परिवारों के युवाओं से कम अंक प्राप्त करते हैं। इनेलो इस असमान प्रावधान को भी हटाएगी। प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि षड्यंत्र के तहत सरकारी स्कूलों की शिक्षा में सुधार नहीं किया जाता ताकि वे शहरी और संपन्न युवाओं की तुलना में हमेशा पिछड़े रहें।

जस्सी पेटवाड़ ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा कि हरियाणा राज्य प्रति व्यक्ति आय के मामले में अब पंजाब से भी बेहतर है। परंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि यह संपन्नता केवल गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में ही सीमित होकर रह गई है जहां आधुनिक तकनीक और प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योग धंधे स्थापित हुए हैं। परंतु इससे भी अधिक दुर्भाग्य की बात यह है कि इनमें बनने वाले रोजगार अधिकतर बाहरी प्रदेशों के युवाओं को ही प्राप्त होते हैं जिस कारण इस संपन्नता का लाभ हरियाणा के युवाओं को प्राप्त नहीं होता।
कार्यकारिणी की बैठक के दौरान वर्तमान राजनैतिक स्थिति पर भी चर्चा हुई जिसमें पार्टी प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा कि मेयर के चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन करते समय इनेलो ने इस बात का ध्यान रखा है कि बिरादरियों में जो खाई भाजपा ने डालने का प्रयास किया था उसे पाटा जा सके। जहां राज्य को 35-36 बिरादरी के नाम पर बांटा गया था वहीं इनेलो ने उम्मीदवारों का चयन भाईचारे पर आधारित सिद्धांत पर किया है। उन्हें पूरी आशा है कि यह चयन जनता की कसौटी पर भी खरा उतरेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एसवाईएल, दादूपुर-नलवी, मेवात-कैनाल, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट, कर्जमाफी, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जनहित के मुद्दों को उठाती रहेगी।

उधर, वर्तमान स्थिति पर बोलते हुए इनेलो के वरिष्ठ नेता रामपाल माजरा ने कहा इनेलो ने चौधरी देवीलाल के समय से ही हमेशा प्रदेश और जनता के हक व हितों की लड़ाई लड़ी है। परंतु खेद इस बात का है कि अब कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ऐसे समय में अपने पुत्र हकों की बात कर रहे हैं जबकि इनेलो हरियाणा के हितों के संघर्ष से जूझ रही है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि ऐसे हकों की बात करने वाले भूल जाते हैं कि उन्हीं पुत्रों में से एक को देश का सबसे युवा सांसद भी इसी पार्टी ने बताया है। इस अवसर पर पूर्व डीजीपी एमएस मलिक ने कहा कि चौधरी देवीलाल ने अपनी विरासत का उत्तराधिकारी चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को चुना था और आज उन्हें ही जननायक का वारिस चुनने का हक है।

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