कलाग्राम में बिखरते भारत के सांस्कृतिक रंग
कलाग्राम में 18 नवम्बर तक चलने वाले आर्ट एंड क्राफ्ट मेले में खूब रौनक है. और इसकी वजह है भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्र से आये कलाकार, कारीगर, व्यापारी व् खिलाड़ी. यहाँ पर आये सभी कलाकारों ने अपने नृत्य,अपने संगीत व् अपने आत्मविश्वास के साथ मेले का आकर्षण बने हुए हैं.
भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से आये कलाकारों में शामिल हैं राजस्थान के ‘ब्न्वालाल जाट’ का कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप जिसमें ब्न्वालाल जी के साथ साथ 7 और लोग भी हैं . कच्ची घोड़ी ग्रुप में संगीत के लिए ढोलकी, करताल व् अल्गोज़ा जैसे संगीत वादयन्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है. ब्न्वालाल कहतें हैं कि ग्रुप उनके लिए उनका परिवार है. इस ग्रुप में हर एक सदस्य के पास अपना एक हुनर है जैसे ढोलक वादक विनोद, अल्होजा वादक शिवजी राव व् झांज पर इनका साथ देते हुए शिवजी राव, राम दयाल जाट और जगदीश जाट यहाँ पर इनके साथ गंगाधरी जो कि इस ग्रुप के नृतक हैं व् साथ ही कच्ची घोड़ी नृतक सीता राम भी हैं.
कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप के अलावा यहाँ मध्य परदेश से रामसहाय पांडे अपने बधाई डांस ग्रुप के साथ आये हुए हैं. उनके ग्रुप ने यहाँ पुरे उत्साह के साथ बधाई नृत्य पेश किया.
सिक्किम से घातु डांस ग्रुप व् बठिंडा से आये वकील सिंह की नटों कि टोली जो कि हवा में ऊँची छलांग लगाने के साथ साथ अपने गले से दम लगाकर लोहे का सख्त से सख्त सरिया भी मोड़ देती है, वकील सिंह का कहना है कि वह यह काम पीढ़ियों से करते आ रहे हैं व यह उनकी बरसों कि मेहनत है जो कि आज उन्हें और उनके पूरे ग्रुप को बिना किसी डर के यह खतरनाक करतब करने में मदद करती है.
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