Tuesday, December 23

स्कूलों में संविधान अनिवार्य होने से कमजोर वर्गों पर अत्याचारों में आएगी बड़ी कमी — बंटी हरियाणा, राजू

होशियारपुर (तरसेम दीवाना)
बेगमपुरा टाइगर फोर्स ने पंजाब के सभी शैक्षणिक संस्थानों में भारतीय संविधान को अनिवार्य विषय के रूप में लागू करने की मांग को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नाम एक मांग पत्र सौंपा। तहसील भुंगा में नायब तहसीलदार की अनुपस्थिति में यह ज्ञापन उनके रीडर इकबालप्रीत सिंह को दिया गया।

इस मौके पर जानकारी देते हुए अनिल कुमार बंटी, अध्यक्ष, हलका हरियाणा भुंगा ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधानों में से एक है, लेकिन दुर्भाग्यवश आम नागरिकों को इसकी समुचित जानकारी नहीं है। संविधान की जानकारी के अभाव में लोग अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं और कई बार अनजाने में कानून का उल्लंघन भी कर बैठते हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भाग शामिल हैं, जो इसे दुनिया का सबसे विस्तृत संविधान बनाते हैं। इसके बावजूद समाज का बड़ा वर्ग इससे अनभिज्ञ है। यदि विद्यार्थियों को प्रारंभ से ही संविधान का ज्ञान दिया जाए, तो वे न केवल अपने अधिकारों को समझेंगे बल्कि जिम्मेदार नागरिक भी बनेंगे।

बेगमपुरा टाइगर फोर्स के पदाधिकारियों ने कहा कि संविधान नागरिकों को अनुच्छेद 12 से 35 तक छह मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है। इन अधिकारों की जानकारी से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, महिलाओं और अन्य पिछड़े वर्गों पर हो रहे अत्याचारों में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।

उन्होंने यह भी बताया कि अधिकारों के साथ-साथ नागरिकों को अपने मौलिक कर्तव्यों की भी जानकारी होनी चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 51-ए में वर्णित 11 कर्तव्यों का पालन समाज को मजबूत और अनुशासित बनाता है। इसके अतिरिक्त, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (अनुच्छेद 36 से 51) सरकार की नीतियों की दिशा तय करते हैं, जिनकी जानकारी भी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है।

संस्था ने मांग की कि पंजाब सरकार शीघ्र नीति बनाकर सभी स्कूलों और कॉलेजों में भारतीय संविधान को अनिवार्य विषय के रूप में लागू करे। साथ ही, यदि कोई शैक्षणिक संस्थान इसमें लापरवाही बरतता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जाए।

इस अवसर पर तजिंदर सिंह बब्बू, अमरीक सिंह राजू, अरुण कुमार, सतीश कुमार सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।