- श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के प्रकाश अवसर पर गुरुद्वारा गुरु के महल में गुरमति समागम आयोजित
- नौवें राजा की शहादत की 350वीं वर्षगांठ का समारोह भी औपचारिक रूप से शुरू हुआ
- गुरु साहिब की शताब्दी को समर्पित, प्रत्येक सिख को अपनी दिनचर्या के अलावा रोजाना जपजी साहिब का पाठ करना चाहिए :एडवोकेट धामी
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 18 अप्रैल :
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के प्रकाश पर्व पर अवसर पर, नौवें गुरु के जन्म स्थान सचखंड श्री हरमंदिर साहिब और गुरुद्वारा गुरु के महल में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरु साहिब को नमन किया। प्रकाश पर्व के अवसर पर सचखंड श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब में भी सुंदर सजावट की गई। इस बीच, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गुरुद्वारा गुरु के महल में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें गुरुगद्दी दिवस के समारोह का भी औपचारिक उद्घाटन किया।
कार्यक्रम के दौरान एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गढगज्ज, सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी गुरमिंदर सिंह, गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी हरपाल सिंह, मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नन, शिरोमणि कमेटी के सदस्य। सुरजीत सिंह भिट्टेवड, भाई अजायब सिंह अभियासी, सचिव प्रताप सिंह,मैनैजर भगवंत सिंह धंगेडा सहित अन्य प्रमुख हस्तियां और बड़ी संख्या में भक्त इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने संगत को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के प्रकाश पर्व पर बधाई दी और संगत से अपील की कि वे इस वर्ष नवंबर में आने वाले गुरु साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के लिए खुद को समर्पित करें और अपनी दैनिक प्रार्थना के अलावा रोजाना एक जपजी साहिब का पाठ करें। उन्होंने कहा कि नौवें पातशाह का जीवन और शहादत मानव अधिकारों की रक्षा के लिए एक मिसाल है, जिनके मार्गदर्शन में प्रत्येक सिख को समाज में मानवीय सरोकारों को बढ़ाने में योगदान देना चाहिए। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए एडवोकेट धामी ने कहा कि नौवें गुरु और उनके सेवक भाई मती दास, भाई सती दास जी और भाई दयाला जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां गुरुगद्दी दिवस खालसा पंथ द्वारा बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।
इस संबंध में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें नगर कीर्तन, सेमिनार, अमृत संचार और गुरमत समागम शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन शताब्दी समारोहों की औपचारिक शुरुआत आज श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के साथ हो गई है तथा अगले कार्यक्रम जल्द ही शुरू कर दिए जाएंगे। एक सवाल के जवाब में एडवोकेट धामी ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से पिछले बजट सत्र में केंद्र सरकार से गुरु साहिब की शताब्दी को समर्पित स्मारकों के लिए विशेष पहल करने का आग्रह किया गया था, जिसे लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि नौवें सिख गुरु को मानवाधिकारों की सुरक्षा में दुनिया भर में मार्गदर्शक के रूप में जाना जाता है और यह भारत सरकार का कर्तव्य है कि वह इस शताब्दी वर्ष को भाई बलवंत सिंह राजोआना सहित अन्य कैद सिखों की रिहाई की घोषणा के लिए समर्पित करे। आम आदमी पार्टी की पिछली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा सिख मामलों में जानबूझकर हस्तक्षेप किया है, लेकिन वे जेल में बंद सिखों की रिहाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में कभी ईमानदार नहीं रहे। भाई देविंदरपाल सिंह भुल्लर को दिल्ली की आप सरकार ने भले ही वादा करके रिहा कर दिया हो, लेकिन उन्हें हमेशा सिख विरोधी भूमिका में ही देखा गया है।इस दौरान तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार एवं श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज ने भी नौवें पातशाह का इतिहास संगत के साथ साझा किया तथा उनके दिखाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी गुरमिंदर सिंह और गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरपाल सिंह ने संगत को कहानियों और विचारों से सराबोर किया और रागी और ढाडी रागी जत्थों भी शामिल हुए।इस अवसर पर बाबा सुच्चा सिंह, बाबा सतनाम सिंह, अतिरिक्त सचिव बिजय सिंह, उप सचिव प्रोफेसर सुखदेव सिंह, बलविंदर सिंह खैराबाद,मनजीत सिंह तलवंडी,हरभजन सिंह वक्ता सुपरिडैंट नितिन सिंह ,मलकीत सिंह बहिडवाल,सुरजीत सिंह राणा, अतिरिक्त मैनेजर गुरविंदर सिंह देवीदासपुर, बिकरमजीत सिंह झगी,युवराज सिंह, प्रचारक भाई तारसेम सिंह,भाई बलवंत सिंह एनोकोट आदि मौजूद थे।