- आयुर जीवन आयुर्वेद रिसर्च सेंटर द्वारा गुरुद्वारा शहीदां माहिलपुर में मुफ्त नशा मुक्ति कैंप लगाया गया
- यदि हम इस कोढ़ रूपी बीमारी का विरोध करेंगे तभी हमारी आने वाली नस्लें बच सकती हैं: बलजिंदर सिंह खालसा
तरसेम दीवाना, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हुशियारपुर, 15 अप्रैल :
आयुर जीवन आयुर्वेद रिसर्च सेंटर द्वारा पिछले काफी समय से गांवों, शहरों और कस्बों में नशे के कारण मौत के मुंह में जा रहे नौजवानों को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए नशा मुक्ति कैंप लगाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज गुरुद्वारा शहीदां माहिलपुर में मुफ्त नशा मुक्ति कैंप लगाकर नशे के दल दल में फंसे हुए नौजवानों को जागरूक किया गया। इस संबंध में आयुर जीवन आयुर्वेद रिसर्च सेंटर के एम.डी. और दल खालसा के जिला प्रधान बलजिंदर सिंह खालसा ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि शुरू से लेकर अब तक नशों को मुद्दा बनाकर सरकारें बनती रही हैं, एक दूसरे को बुरा-भला कहकर पहली सरकार के सिर ठीकरा फोड़कर अपनी सरकार बनने के बाद नशों का पंजाब की धरती से नामोनिशान मिटाने के वादे और कसमें खाकर सरकार बनाकर फिर अपनी कसमों को भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुटका साहिब को हाथ में लेकर कसम खाई थी कि पंजाब की धरती से नशा चार हफ्तों में खत्म कर दिया जाएगा परंतु कई साल बीत गए नशा खत्म तो क्या होना था उल्टा पहले से कई गुना बढ़ गया है! उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी पार्टी की हो पर नशे के सौदागरों की हमेशा पौ बारह ही रहती हैं जिसके कारण नशा सरेआम हर जगह से मिलता है जिसकी अनेक मिसालें हैं। उन्होंने कहा कि थाने का इंचार्ज और गांव का सरपंच चाहे तो नशा नहीं बिक सकता। सरपंच की बहुत ताकत होती है, वह भी वोटों के दायरे में बंधा होता है, पर अगर थाने के इंचार्ज को विधायक या उसके सीनियर अफसर का फोन नशा तस्कर के पक्ष में ना आए और वह इंचार्ज दिल से साफ होकर नशा तस्करों पर शिकंजा कसे तो नशा तस्करों की क्या मजाल है वे नशा बेच जाएं। उन्होंने कहा कि आज के समय में नशा पंजाब के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि बिना किसी की सरपरस्ती के कोई भी नशे का सौदागर नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि आओ सब मिलकर इस नामुराद कोढ़ रूपी बीमारी का विरोध करें तभी हम अपनी नस्लों को बचा सकते हैं क्योंकि एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकने से मसला हल नहीं होना। इस मौके पर अन्य के अलावा तजिंदर सिंह, अर्श सिंह, जीत सिंह आदि हाजिर थे।