Thursday, March 13

जगदीश असीजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, उकलाना, 12 मार्च :

कड़ी मेहनत और लगन से हासिल की गई सफलता न केवल व्यक्ति बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बनती है। ऐसा ही उदाहरण पेश किया है गांव जाजनवाला निवासी साहिल वर्मा ने, जिन्होंने दूसरी बार गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) में टॉप कर गोल्ड मेडल जीता। इस उपलब्धि के लिए देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया, जिससे उनके परिवार और क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई।

शिक्षा की राह में संघर्ष और सफलता

साहिल वर्मा अपने परिवार के साथ उकलाना मंडी में रहते हैं और फिलहाल पीडब्ल्यूडी बी एंड आर विभाग में बरवाला कार्यालय में जूनियर इंजीनियर (जेई) के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि दसवीं कक्षा तक वे एक सामान्य विद्यार्थी थे, लेकिन पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला लेने के बाद उनके दादा कैप्टन चंद्रभान, पिता रणवीर सिंह, दादी बिदामो देवी और माता शारदा देवी की प्रेरणा से उन्होंने पढ़ाई पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित किया। कड़ी मेहनत से उनकी दिनचर्या बदल गई और वे लगातार सफलता की ओर बढ़ते गए।

बीटेक और एमटेक में लगातार टॉप, मिला गोल्ड मेडल

साहिल वर्मा ने गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) से बीटेक किया और टॉप करने पर उन्हें पहली बार गोल्ड मेडल मिला। इसके बाद 2019 में उन्होंने प्रथम प्रयास में ही सिविल इंजीनियरिंग (परिवहन) में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमटेक) फर्स्ट डिवीजन में उत्तीर्ण की, जिसके लिए उन्हें दूसरी बार गोल्ड मेडल मिला। उनकी इस उपलब्धि पर राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वयं उन्हें सम्मानित किया, जो उनके जीवन का सबसे गर्वपूर्ण क्षण रहा।

बिना खर्चे-पर्ची के मिली सरकारी नौकरी

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद साहिल वर्मा ने चार साल तक मेवात और एक साल आदमपुर में पॉलिटेक्निक कॉलेज में सेवाएं दीं। उनकी मेहनत रंग लाई और अक्टूबर 2024 में बिना किसी सिफारिश या खर्चे के उन्हें पीडब्ल्यूडी विभाग में जूनियर इंजीनियर (जेई) के पद पर सरकारी नौकरी मिली।

राष्ट्रपति से मिलने की अधूरी ख्वाहिश हुई पूरी

साहिल वर्मा ने बताया कि 2024 में जब वे आदमपुर से एनएसएस अधिकारी डॉक्टर राकेश शर्मा के साथ एनएसएस के बच्चों को राष्ट्रपति भवन दिल्ली लेकर गए थे, तब सुरक्षा कारणों से उन्हें महामहिम से मिलने की अनुमति नहीं मिली थी। उस समय उनके मन में एक कसक थी, लेकिन अब जब राष्ट्रपति मुर्मू ने खुद उन्हें गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया, तो उनका सपना पूरा हो गया।

परिवार और क्षेत्र में खुशी की लहर

साहिल वर्मा की इस उपलब्धि पर उनके माता-पिता और दादी बिदामो देवी ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का पल है। उन्होंने बताया कि साहिल वर्मा ने अपने परिवार और गांव का नाम रोशन किया है, जिससे अन्य छात्र भी प्रेरणा लेंगे। जैसे ही यह खबर फैली, लोगों का उनके घर पर बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया।

साहिल वर्मा की छोटी बहन अचला भी जीजेयू में पढ़ी हैं और उन्होंने जेआरएफ में पूरे भारत में फिजिक्स विषय में 187वीं रैंक हासिल की है। साहिल का मानना है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी बड़ी से बड़ी सफलता हासिल कर सकता है।