Monday, March 10

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 10 मार्च :

सावित्री बाई सौशल वेलफेयर सौसाईटी द्वारा राजीव नगर हिसार में अपना सारा जीवन महिलाओं को शिक्षित करने भारत में व्याप्त छूआछात, सती प्रथा, बाल विवाह, विधवा विवाह निषेध जैसी कुरीतियों के विरुद्ध आजीवन संघर्ष करने वाली भारत वर्ष की प्रथम महिला अध्यापिका ज्ञान की ज्योति माता सावित्री बाई फूले की 128वीं पुण्यतिथी मनाई गई।

इस अवसर पर उपस्थित जन को संबोधित करते हुए कि समाज सेविका रेखा तंवर ने कहा कि 3 जनवरी 1831 को नायगावं (खंडाला जिला सतारा महाराष्ट्र में जन्मी माता सावित्री बाई फूले का विवाह महान समाज सुधारक सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फुले जी से 1840 में हुआ इसके बाद1841 में इन्होंने शिक्षा शुरू की एक जनवरी 1849 लड़कियों के लिए देश का पहला स्कूल पुणे के भिलेवाला में खोला और उनको शिक्षित करने के लिए समाज में संघर्ष किया लोगों द्वारा उन पर किए गए अत्याचारों की परवाह न करते हुए महिलाओं को शिक्षित किया 1854 में काव्य फुले संग्रह कविता प्रकाशित की और उन्होने बिना किसी भेदभाव के सदैव समाज हित में कार्य किए इसी कड़ी में 18,74 में एक ब्राह्मण विधवा काशीबाई के पुत्र को गोद लिया और इसका लालन पालन किया ऐसी महान देवी के पदचिह्नों पर चलते हुए हमें समाज सुधार के कार्य करना चाहिए आज पूरा राष्ट्र उस महान देवी को याद कर रहा है हमें भी उनके समाज हित में दिखाए गए मार्ग पर चलकर सदैव आपसी भाईचारे को मजबूत करते हुए कार्य करने चाहिए जिससे हमारा प्रदेश वह देश की उन्नति के पथ पर अग्रसर हो और आपसी भाईचारा मजबूत बने वे समाज का सर्वांगीण विकास हो यही है प्रयास आज हमें उनकी पुण्यतिथि पर करना चाहिए और इस कार्य को करने के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए यह उस महान देवी को सच्ची पुष्पांजलि/श्रद्धांजलि होगी।

उन्होने प्लेग की बीमारी आने पर अपनी जान की परवाह न करते हुए सर्वजन के इलाज के लिए समाज की सेवा की और मरीज़ों की सेवा करते करते ही आज ही के दिन 10 मार्च1897 व स्वर्ग सिधार गई उनके निधन से समाज को बहुत बडा आघात लगा जिसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाई है। महान देवी की पुष्पांजलि कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट मुकेश सैनी, रमेश सैनी प्रधान, घीसाराम जमालपुरिया, नरोत्तम गोरीवान, ईश्वर सैनी नाटा, सौरभ पंवार, रवि सैनी जमालपुरिया, रॉबिन चौहान, सोनू जमालपुरिया, कुमारी अक्षिता, कुमारी वंशिका, कुमारी जीनू, यश सैनी, हिमांशु सैनी, दीपक कटारिया, रजनीश रूद्रा, दीनू सैनी, तुषार मोटा, प्रधान अनिल बालाण, मनोज, विपुल किरोड़ीवाल, प्रणव सैनी, रमेश किरोड़ीवाल व समाज के अन्य गणमान्य उपस्थित थे।