जगदीश असीजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, उकलाना, 12 फ़रवरी :
हरियाणा सरकार द्वारा नीलगाय को मारने की अनुमति प्रदान करने के कदम को अखिल भारतीय किसान सभा उचित नहीं मानती। किसान सभा हिसार के जिला उपाध्यक्ष सरबत सिंह पूनिया, उकलाना तहसील सचिव दयानंद ढुकिया व खेत मजदूर यूनियन जिला प्रधान डा० मियां सिंह बिठमड़ा ने संयुक्त ब्यान में कहा आवारा पशुओं और जंगली जानवरों द्वारा फसलों का नुक़सान जितनी बड़ी समस्या बनी हुई है उसका समाधान समग्र और स्थाई रूप से किये जाने की मांग किसान सभा उठाती रही है।
बेसहारा गाय, सांड, बंदर, जंगली सूअर, नीलगाय इत्यादि खड़ी फसलों, सब्जियों और बागबानी को भी बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा रहे हैं तथा लोगों के लिए भी खतरा हैं। परंतु इसके प्रभावकारी और स्थाई समाधान की दिशा में समग्र योजना बनाने के प्रति सरकार गंभीर नहीं है। अब अचानक बिना सोचे समझे नीलगाय की हत्या की अनुमति देना पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुचित है।
उन्होंने कहा किसान सभा मांग करती है कि आवारा पशुओं और जंगली जानवरों को नियंत्रित करने के लिए सर्वसमावेशी योजना बनाई जाए जिसके तहत इनकी संख्या नियंत्रण हेतु नसबंदी, अभ्यारण्यों की स्थापना, पशु व्यापार से सख्ती हटाना , फसल सुरक्षा के कार्य को मनरेगा के कामों की सूची में डालना, फसल खराबे का मुआवजा आदि कदमों को लागू किया जाना शामिल हो। इस संबंध में यह जरूरी है कि कोई भी कदम उठाने से पहले सरकार किसान संगठनों, पर्यावरणविदों और पंचायत प्रतिनिधियों आदि के साथ व्यापक स्तर पर परामर्श की प्रक्रिया शुरू करे।