Wednesday, February 5

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 04 फ़रवरी :

आज बसंत पंचमी के उपलक्ष्य  पर सेक्टर 30 ए राजकीय सरकारी विद्यालय में माँ सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण कर पूजा अर्चना और श्लोक गायन के साथ बसंत पंचमी का त्योहार मनाया गया।

चंडीगढ़ के पूर्व मेयर देवेश मौदगिल ने वीणा वादिनी विद्या दाइनी माँ सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण किया इस अवसर पर सोसाइटी फॉर डिवाइन रेकी मैडिटेशन के अध्यक्ष जसजोत सिंह अलमस्त , प्रधानाचार्य इंदु बब्बर, अध्यक्ष भारत विकास परिषद पूर्वी-1 नीलम गुप्ता , अध्यक्ष प्रयोग फाउंडेशन नितेश महाजन, और अनु सिंगला  विशेष रूप से उपस्थित रहे।  

पूजा अर्चना एव श्लोक श्रवण उपरांत पूर्व मेयर देवेश मौदगिल ने सम्बोधित करते हुए बसंत पंचमी के त्योहार उसकी विशेषता और महत्व पर कहा के बसंत पंचमी का त्यौहार माँ सरस्वती को समर्पित है।जिसे माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से विद्यालयों में माँ सरस्वती की मूर्ति के समक्ष पूजा कर विद्या, ज्ञान और सुरो की प्राप्ति का आशीर्वाद लिया जाता है।

देवेश मौदगिल ने कहा के पौराणिक कथा के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने समस्त ब्रह्मांड की रचना की और मनुष्य , जीव जंतु वनस्पति और जल थल का निर्माण किया तो उनको अपनी रचना में कमी महसूस हुई। तब ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल में से थोड़ा जल निकाल कर छिड़का जिसके कारण वहाँ एक चार भुजाओं वाली देवी प्रकट हुई।  जिसके एक हाथ में वीणा दूसरे हाथ में किताब तीसरे हाथ में माला और चौथा हाथ वार मुद्रा में था।

देवेश मौदगिल ने कहा के तब ब्रह्मा जी ने देवी से वीणा बजाने का आग्रह किया। जैसे ही देवी ने वीणा बजाई ब्रह्मा जी द्वारा बनाई हर चीज़ में ज्ञान और सुर आ गया इसके बाद ही ब्रह्मा जी ने इस देवी को वीणा की देवी वीणा वादिनी माँ सरस्वती का नाम दिया। तब से माँ सरस्वती को विद्या , ज्ञान और सुर की देवी के रूप में पूजा जाता है