सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 01 फ़रवरी :
श्री केशव किशोरी सेवा समिति की ओर से सतगुरू श्री बावा लाल दयाल जी महाराज के जन्म उत्सव के उपलक्ष्य में भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकडों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। समिति प्रधान विजय मेहता, उप प्रधान विकास कौरा व सचिव सुरेंद्र लूथरा ने कहा कि जरूरतमंदों की सहायत के लिए समिति सदस्य हमेशा तत्पर रहते है।
समिति प्रधान विजय मेहता ने बताया कि बावा लाल महाराज का जन्म पाकिस्तान के कसूर जिले में 1355 ईसवी और भारतीय तिथि के अनुसार 1455 संवत के माघ महीने की द्वितीय तिथि को हुआ था। इनकी माता कृष्णा तथा पिता भोला मल थे।
मुनानगर स्थित मंदिर लालद्वारा मंदिर के इतिहास में दैवीय पुरुष की कथा छिपी हुई है। बावा लाल महाराज भक्ति और शक्ति का प्रतीक हैं और उनका संबंध रामानंद संप्रदाय से है। बावा लाल दयाल महाराज बहुत ही पहुंचे हुए संत थे और उनकी शिक्षाएं समाज के हर तबके के लिए बहुत ही कल्याणकारी रहीं। मुगल शासक शाहजहां और इसके दो बेटे दारा शिकोह और औरंगजेब भी श्री लाल देव महाराज की भक्त थे। बावा लाल महाराज की पूरे विश्व में 22 गद्दियां हैं, यानि की उनके 22 जगह प्रसिद्ध मंदिर बने हुए हैं। लाहौर में लाल पीर के नाम से जाना जाता है।
बावा लाल दयाल महाराज की मुख्य गद्दी पंजाब के गुरदासपुर जिले के ध्यानपुर स्थान में है, जो बावा लाल महाराज के भक्तों के लिए प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। वर्तमान में 1008 महंत श्री रामसुंदर दास जी महाराज इस गद्दी पर विराजमान है। कहा जाता है कि यहां पर एक बावली है और इसमें स्नान करने वालों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। लंगर के दौरान समिति