अनुसंधान का उद्देश्य समाज की भलाई पर हो केन्द्रित: प्रो. बी.आर. काम्बोज
-हकृवि में 30 दिवसीय इंडक्शन ट्रेनिंग कोर्स का समापन
पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 17 जनवरी :
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय में इंडक्शन ट्रेनिंग का समापन हुआ। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। प्रशिक्षण में एचएयू, कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर, कौल व बावल के नव नियुक्त वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने अपने सम्बोधन में कहा कि इंडक्शन ट्रेनिंग एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो नए कर्मचारियों को उनकी भूमिका, विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचना, कार्य आवंटन, नियमावली और उसके मूल्यों से अवगत कराती है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में हो रहे अनुसंधानों की जानकारी अपडेट रखने के लिए अपने कौशल को विकसित करना बहुत जरूरी है। नियमित रूप से रिसर्च पेपर पढक़र अनुसंधान एवं तकनीक की जानकारी को अपडेट रखा जा सकता है। कुलपति ने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे इंडक्शन ट्रेनिंग कोर्स में सीखी हुई तकनीकों व नवीनतम जानकारियों का धरातल पर खेती में आ रही समस्याओं व चुनौतियों को हल करने में प्रयोग करें। उन्होंने कहा अध्यापन एक कला है जिसमें उन्हे पारंगत होना चाहिए। विश्वविद्यालयों को उनसे बहुत अपेक्षाएं हैं। उन्हें ज्ञान के उन्नयन के साथ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अनुसंधान करने और अनुसंधान पत्रों को उच्च रेटिंग वाले राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जरनलों में प्रकाशित करने चाहिए।
श्वविद्यालय ने उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा, शोध, विस्तार और संसाधनों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान का उद्देश्य समाज की भलाई पर केन्द्रित हो। विश्वविद्यालय को विश्व स्तर पर कृषि एवं शिक्षा का हब बनाने के लिए और अधिक बेहतर ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए वैज्ञानिक अपनी ऊर्जा किसानों एवं समाज की भलाई के लिए लगाएं। कुलपति ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए।
मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश यादव ने कहा कि निदेशालय द्वारा विश्वविद्यालय में नव- नियुक्त कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि वे अपने कार्यों को बेहतर ढंग से कर सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉ रेणु मुंजाल ने प्रेरक प्रशिक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। को-प्रशिक्षण समन्वयक डॉ अनुराग ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। मंच संचालन डॉ योगेश जिंदल ने किया। नव नियुक्त वैज्ञानिकों डॉ. पवन कुमार व डॉ. वर्षा ने एक माह के दौरान प्रेरक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान शिक्षा, शोध विस्तार सहित विभिन्न विषयों से संबंधित लैक्चर एवं एचएयू कैंपस में करवाए गए भ्रमण की भी जानकारी दी। इस अवसर पर सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।