Thursday, December 12
  • राज्य स्तरीय कला उत्सव में पंचकूला व अंबाला के कला शिक्षक ले रहे भाग
  • प्रथम दिन वस्तु चित्रण,कैलीग्राफी,वाॅटर कलर व कले माॅडलिंग के गुर सीखे

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला –  09        दिसंबर :

हरियाणा मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक एस़एस ढिल्लों व अतिरिक्त निदेशक अमृता सिंह के मार्गदर्शन में राज्य स्तरीय जिलावार कला कार्यशाला के तीसरे चरण का आज आगाज हो गया है। तीन दिवसीय कला कार्यशाला में पंचकूला व अंबाला के कला शिक्षक अपनी कला को निखारेंगे।

तीसरे चरण के प्रथम दिन वस्तु चित्रण के बारे में अधिक जानकारी देते हुए मास्टर ट्रेनर भीम सिंह ने बताया कि ईश्वर द्वारा बनाई इस प्रकति में मनुष्य ने अपनी आवश्यकतानुसार बहुत-सी वस्तुएं बनाई हैं जिनका हम दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं। इनमें से कुछ वस्तुएं हमें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं, जैसे किताब, बॉक्स, घर के बर्तन व अन्य सामान आदि । इन वस्तुओं को देखकर उनका चित्र बनाना, इस क्रिया को वस्तु-चित्रण कहते हैं। सभी कला शिक्षकों ने वस्तु चित्रण को पेसिंल के साथ खूबसूरती प्रदान की।

मास्टर ट्रेनर सविता ने सुंदर शब्दों को लिखने की कला कैलीग्राफी की बारीकियों से कला शि़़क्षकों को रूबरू करवाया गया है। उन्होंने बताया कि कलिग्राफी (हिंदी में अक्षरांकन) एक अक्षर कला है। विभिन्न तरीके व स्ट्रोक को ब्रश की सहायता से एक विशिष्ट शैली की लिखाई व डिजाइन प्रक्रिया का संपादन किया जाता है।
मास्टर ट्रेनर रवींद्र कौर ने वाॅटर कलर की ऐतिहासिक पृष्टभूमि का वर्णन करते हुए बताया कि वाॅटर कलर को जलरंग भी कहा जाता है। जलरंग मुख्य आठ प्रकार के होते हैं। जलरंगों का गहरा व कम गहरे रंगों का इस्तेमाल कर प्राकृतिक दृश्यों को नया स्वरूप दिया जाता है।
मास्टर ट्रेनर कंवलजीत ने मिट्टी की कलाकृतियों को बनाकर अपने मन के भावों को प्रकट करने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। चाहे वो चिड़ियों का घौंसला हो या गौतम बुद्व या गणेश जी की आकृति सब इस तरह से बने जिससे कि वो घर व बाहर की शोभा बढ़ाए।