अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना का दिन पूरे चण्डीगढ़ में दिवाली की तरह मनाया जायेगा
- अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना का दिन पूरे चण्डीगढ़ में दिवाली की तरह मनाया जायेगा : हिंदू पर्व महासभा
- संस्था की बैठक में 11 दिसंबर को गीता जयंती को सभी मंदिरों में बड़ी धूमधाम से मनाने का निर्णय भी लिया
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 18 नवंबर:
हिंदू पर्व महासभा, चण्डीगढ़ की बैठक श्री रक्षेश्वर राम मंदिर, सेक्टर 35-सी में हुई जिसमें चण्डीगढ़ के सभी मंदिरों के पदाधिकारियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इस बैठक में बीपी अरोड़ा अध्यक्ष एवं कमलेश चंद्र सूरी, महासचिव ने इन पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श करके आगामी 11 दिसंबर, दिन बुधवार को गीता जयंती का पावन पर्व सभी मंदिरों में बड़ी धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया। उस दिन मंदिरों में गीता पाठ पढ़कर सदभावना प्रेम और शांति का संदेश दिया जाएगा व अष्टादश शलोकी गीता पाठ का उच्चारण किया जाएगा। बीपी अरोड़ा ने बताया कि गीता हिंदुओं की आस्था का ग्रंथ ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के कल्याण का ग्रंथ है। गीता जयंती के अवसर पर शहर के प्रबुद्धजनों के साथ भी चर्चा की जाएगी।
सूरी ने कहा कि गीता ही एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें सभी प्राणियों के हित की बात कही गई है। यह भारत का गौरव ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि गीता उपदेश 5160 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र में कौरवों व पांडवों के बीच चले युद्ध में युद्ध भूमि पर दिया गया। आज पूरे विश्व में जब चारों ओर प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध और तनाव की स्थिति, अराजकता पैर-पसारे हुए है और छोटे बच्चों में संस्कारों का अभाव है। विश्व में अशांति छाई हुई है। ऐसे में भागवत गीता जी के उपदेश ही एकमात्र उपाय हैं जिससे शांति बहाल हो सकती है। यदि विश्व में शांति चाहते हैं तो भागवत गीता के उपदेश जीवन में स्वीकारने होंगे।
तत्पश्चात बीपी अरोड़ा एवं कमलेश चंद्र सूरी ने 22 जनवरी 2025 को अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की मूर्ति के प्रथम स्थापना उत्सव के दिन शहर के मंदिरों में आयोजन के बारे में सभा में विचार विमर्श किया। सूरी ने सभा को बताया कि उस दिन दिवाली के जश्न जैसा आयोजन होना चाहिए। शहर के सभी मंदिर दिवाली की तरह सजेंगे। मंदिरों में सुबह हवन किया जाएगा। 2 घंटे के लिए मंदिरों में संकीर्तन होगा। शहर के सभी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक जैसा प्रसाद वितरित करेंगे। विशाल दीपदान का कार्यक्रम भी होगा। इसके अलावा 22 जनवरी को अपने-अपने घरों में दिवाली की तरह दीपमाला करने का भी आग्रह किया गया। हिंदू पर्व महासभा की तरफ से एक सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा जिसकी घोषणा वह आगामी बैठक में करेंगे।
तत्पश्चात बैठक में अरोड़ा एवं सूरी ने बांग्लादेश में इस समय अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर भी चर्चा की। बांग्लादेश और कनाडा में मंदिरों को ध्वस्त करने में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार किए जाने की पर यहां हिंदुओं मे बहुत रोष एवं चिंता का माहौल है। बड़े अफसोस की बात है कि इस पर भारत में विपक्ष की किसी पार्टी ने कोई अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है ।सभा में उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने एक विशेष समुदाय द्वारा हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी आलोचना की।
सूरी ने सभा में बताया कि भारत सरकार को बांग्लादेश और कनाडा में संपर्क बनाकर हिंदुओं के जान माल की सुरक्षा को लेकर कड़े से कड़े कदम उठाने चाहिए। हिंदुओं को इस समय एकजुट, संगठित एवं सशक्त होने की आवश्यकता है।
बैठक में हिंदू पर्व महासभा के सभी सदस्य रमेश मल्होत्रा, मुख्य संरक्षक, वाईके सरना, वरिष्ठ उपप्रधान, लक्ष्मी नारायण सिंगला, अजय कौशिक,रामधन अग्रवाल, रतनलाल, अरुणेश अग्रवाल, बीडी कालरा, कर्नल धर्मवीर, एलसी बजाज, पदम चंद राय, राजेंद्र गुप्ता, अनुज कुमार सहगल, प्रेम शमी व पंकज गुप्ता उपस्थित रहे।