अनिल विज की हत्या की साजिश को बताया प्रशासनिक आतंकवाद
- अनिल विज को मरवाने की साजिश रचने वाले अधिकारियो को चुनाव आयोग बर्खास्त करे: वीरेश शांडिल्य
- वीरेश शांडिल्य ने अनिल विज की हत्या की साजिश को बताया प्रशासनिक आतंकवाद, भेजी ईसीआई को शिकायत
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 25 अक्टूबर :
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने भारत के चुनाव आयोग से अंबाला के उन अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की जिन्होंने विधानसभा चुनावों में हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री व वर्तमान में सातवीं बार विधायक और हरियाणा सरकार में बिजली, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज को मरवाने की साजिश रची। वीरेश शांडिल्य ने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया सहित भारत के राष्ट्रपति व देश के गृह मंत्री को पत्र लिख कर कहा कि हरियाणा केपूर्व गृह मंत्री और वर्तमान कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने मीडिया में खुलासा किया कि उन्हें चुनावों में प्रशासन द्वारा मरवाने की साजिश रची गई जो आरोप गंभीर हैं और चुनाव आयोग को इस पर शांत नहीं बैठना चाहिए क्योंकि चुनावों की घोषणा के बाद इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया आचार संहिता लगा देता है उसके बाद सारा प्रशासन चुनाव आयोग के अधीन निष्पक्ष काम करता है लेकिन अनिल विज की उन जन सभाओं में असामाजिक तत्वों ने प्रशासन की शह पर हमले किए जबकि अनिल विज के मुताबिक उन्होंने चुनाव आयोग से लिखित अनुमति ली हुई थी लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी जनसभाओं में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया जो एक बड़ी साजिश है।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने इसे प्रशासनिक आतंकवाद बताया और सीधे चुनाव आयोग को अधिकारियों ने चुनौती दी और निष्पक्ष चुनाव करवाने की बजाए किसी पार्टी का एजेंट बनकर प्रशासन ने काम किया जो उच्च स्तरीय जांच का विषय है। इस पर देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए ऐसी घटना किसी भी पार्टी के उम्मीदवार के साथ हो सकती है जब हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री ही सुरक्षित नहीं तो आम उम्मीदवारों के साथ काली भेड़ों के रूप में कितनी ज्यादती करते होंगे। और ऐसे अधिकारियों को इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया चुनावी र्वकिंग से डीबार करें। एफआईआर दर्ज कर उन प्रशासनिक अधिकारियों को बर्खास्त करें जो अनिल की विधानसभा चुनावों में हत्या की साजिश रचवा रहे थे एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया इसको लेकर जनहित याचिका दायर करेगी।