रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 17 अक्टूबर :
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने तख्त श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया है। शिरोमणि कमेटी के मुख्य कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए एडवोकेट धामी ने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने हमेशा तख्त साहिब के जत्थेदारों का सम्मान किया है और करती रहेगी।उन्होंने कहा कि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा तख्त श्री दमदमा साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब में प्रदान की गई सेवाएं सराहनीय रही हैं और देश को भविष्य में भी उनकी सेवाओं की जरूरत है। एडवोकेट धामी ने जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से उनकी सेवाएं जारी रखने की अपील की।
शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि देश इस समय नाजुक दौर से गुजर रहा है, पंथ विरोधी ताकतें लगातार सिख संस्थानों को निशाना बना रही हैं। ऐसे समय में सभी की साझी जिम्मेदारी है कि किसी भी विवाद से बचें और देश के व्यापक हितों के लिए काम करें।उन्होंने कहा कि पहले से ही आर.एस.एस, बीजेपी और पंथ विरोधी ताकतें सिख संस्थाओं को तोड़ने के इरादे से आगे बढ़ रही हैं, जिसका उदाहरण अलग हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाकर शिरोमणि कमेटी को तोड़ना और दिल्ली में सिख सरकार बनाना है।गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का सीधा हस्तक्षेप अंदाजी और तख्त श्री हजूर साहिब और तख्त श्री पटना साहिब की व्यवस्था में है। उनके हाथ अब पंजाब की ओर भी बढ़ रहे हैं, जिसके बारे में देश को सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश की संस्थाओं की मजबूती के लिए किसी विवाद में पड़ना ठीक नहीं है।उन्होंने कहा कि जत्थेदार साहब ने पहले ही आदेश दिया है कि किसी भी तरह का बयान न दिया जाए और वह शिरोमणि कमेटी से अपील करते हैं कि कोई भी नेता ऐसा बयान न दे जिससे सिख संस्थाओं और देश के सम्मान को ठेस पहुंचे। इस मौके पर शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी समेत शिरोमणि कमेटी सदस्य गुरपाल सिंह गोरा, सचिव प्रताप सिंह, बलविन्दर सिंह काहलवां,. कुलविंदर सिंह रामदास, गुरिंदर सिंह मथरेवाल, बिजय सिंह, उप सचिव जसविंदर सिंह जस्सी, हरभजन सिंह स्पीकर, अधीक्षक एस. निशान सिंह व अन्य मौजूद थे।