दस लक्षण पर्व आचरण और संयम का पर्व है : श्री 105 विशंक सागर जी महाराज
दस लक्षण पर्व आचरण और संयम का पर्व है, जो हमें आत्मशुद्धि और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है : पूज्य क्षुल्लक श्री 105 विशंक सागर जी महाराज
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 23 सितंबर:
अहिंसा चैरिटेबल सेवा समिति, चण्डीगढ़ के तत्वाधान में हर माह की भांति इस माह भी श्री णमोकार महामंत्र का पाठ परम पूज्य क्षुल्लक श्री 105 विशंक सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री 105 क्षेमंकर नंदी जी महाराज के मंगल सानिध्य में श्री दिगम्बर जैन मंदिर, सेक्टर 27, चंडीगढ़ में आयोजित किया गया। इस धार्मिक आयोजन के दौरान पूज्य क्षुल्लक श्री 105 विशंक सागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि भारत की संस्कृति बिकाऊ नहीं, टिकाऊ है। उन्होंने जैन धर्म की दस लक्षण पर्व और क्षमावाणी पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दस लक्षण पर्व आचरण और संयम का पर्व है, जो हमें आत्मशुद्धि और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। वहीं, क्षमावाणी पर्व हमें अपनी गलतियों को स्वीकार करने और क्षमा माँगने का महत्वपूर्ण संदेश देता है, जो मानवता और आपसी प्रेम का प्रतीक है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी बंधुओं ने सह परिवार उपस्थित होकर धर्म लाभ प्राप्त किया। कार्यक्रम का आयोजन यशपाल अग्रवाल द्वारा किया गया। समिति के अध्यक्ष अजय जैन, उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन, महासचिव रजनीश जैन, कोषाध्यक्ष सचिन जैन, वरिष्ठ पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद, मोहित जैन, श्याम लाल जैन, अनिल जैन व गोपाल अत्रि द्वारा विशेष सहयोग रहा। अहिंसा चैरिटेबल सेवा समिति के अध्यक्ष अजय जैन और महासचिव रजनीश जैन ने इस सफल आयोजन के लिए सभी धर्मप्रेमी बंधुओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के धार्मिक आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए समिति सदैव तत्पर रहेगी।