कृषि उत्पादकता बढाने के लिए इंद्रधनुष क्रांति अपनाने की जरूरत : प्रो एमएम गोयल

कृषि उत्पादकता बढाने के लिए इंद्रधनुष क्रांति अपनाने की जरूरतः- प्रो एमएम गोयल

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 22     अगस्त :

डीएवी गर्ल्स कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग व अकादमिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में केंद्रीय बजट 2024-2025- एक नीडोनोमिस्ट की धारणा विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। जेएनयू जयपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति एवं नीडोनॉमिक्स स्कूल ऑफ थॉट के संस्थापक प्रोफेसर मदन मोहन गोयल मुख्य वक्ता रहे। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. मीनू जैन ने ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम अर्थशास्त्र विभाग अध्यक्ष डॉ. अनीता मोदगिल की देखरेख में हुआ।

प्रो. एम.एम. गोयल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 48,20,512 करोड़ रुपये के केंद्रीय बजट के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने हेतु पर्याप्त बजट नहीं हैं। नए टैक्स स्लैब की शुरुआत के बावजूद, प्रो. एम.एम. गोयल ने आयकर दाताओं को विशिष्ट लाभ  एवं सुरक्षा के पात्र अल्पसंख्यक समूह के रूप में मान्यता देने की वकालत की। साथ ही उन्होंने कृषि में उत्पादकता एवं लचीलापन, रोजगार एवं  कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाओं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे में उत्पादकता , नवाचार, अनुसंधान  एवं विकास,अगली पीढ़ी के सुधार  में पर्याप्त अवसर पैदा करने के लिए वित्त मंत्री द्वारा पहचानी गई नौ प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की। किसानों का समर्थन करने हेतु , प्रो. गोयल ने कृषि में इंद्रधनुष क्रांति को अपनाने की वकालत की, जिसमें उत्पादकता बढ़ाना, कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण और कृषि निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है

प्रो. गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा उल्लिखित सार्वजनिक व्यय के सिद्धांतों-वफादारी, बुद्धिमत्ता और कार्यान्वयन में मितव्ययिता- का पालन करते हुए वित्तीय आवंटन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। मौके पर जसमीत कौर, परिका व रोहित उपस्थित रहे।