नाराज़ ग्रामीणों ने स्कूल पर जड़ा ताला

नगली 32 में सरकारी स्कूल मे अध्यापक ना होने से नाराज़ ग्रामीणों ने स्कूल पर जड़ा ताला

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली, 13 अगस्त :

नगली 32 में प्राइमरी व मीडिल स्कूलों में अध्यापक ना होने से नाराज़ ग्रामीणों व अभिभावकों ने स्कूल गेट पर ताला जड़ दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक स्कूल में अध्यापक नहीं आते स्कूल गेट पर ऐसे ही ताला लगा रहेगा।

ग्रामीण इसरान, हाशिम, वहीद हसन, अली अहमद, अब्दुल सत्तार, निसार, जुलफान, मीरीया, मेहंदी हसन, दिलशाद व नसीम ने जानकारी देते हुए बताया कि नगली 32 के दोनों सरकारी स्कूलों में जिसमें एक प्रायमरी का दूसरा मीडल स्कूल है। प्राइमरी स्कूल में 185 बच्चे व मिडिल स्कूल में 200 के लगभग बच्चे पढ़ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि प्राइमरी स्कूल में तो एक भी टीचर नहीं है। प्राइमरी स्कूल के बच्चों को संभालने के लिए स्कूल का चौकीदार है और मिडिल स्कूल में सिर्फ एक अध्यापक है। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों स्कूलों में 400 के लगभग बच्चे हैं और अध्यापकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। पिछले 4 महीने से बच्चे सुबह स्कूल में आ जाते हैं ओर छुट्टी के समय तक ऐसे ही बैठकर खेल कूद कर घर वापस आ जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों के लिए कई बार अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को गुहार लगा चुके हैं। उसके बावजूद भी स्कूलों में अध्यापक नहीं आ रहे हैं। जिसकी वजह से उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जब स्कूल में अध्यापक ही नहीं है तो ऐसे स्कूलों को खोलने का क्या फायदा है। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार के मंत्री शिक्षा विभाग में किए गए कार्यों के बड़े-बड़े दावे करते हैं पर स्कूलों में अध्यापक नहीं है। इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। सरकार स्कूलों के सौंदर्य करण के लिए तो पैसे खर्च रही है पर स्कूल में जो मुख्य जरूरत है अध्यापकों की उसकी तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने परेशान होकर स्कूल पर आज ताला जड़ दिया है और जब तक स्कूल में विभाग द्वारा अध्यापक नहीं भेजे जाते तब तक यह ताला ऐसे ही लगा रहेगा।

इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है और जानकारी लेकर स्कूल में अध्यापक भेजे जाएंगे ताकि बच्चों का भविष्य खराब ना हो।