पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता है। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
पंचांग, 22 दिसम्बर 2025

सोमवार का महत्व मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है, यह दिन मानसिक शांति, धन-धान्य, सौभाग्य और मनचाहे वर/वधू प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर सावन मास के सोमवार को इसका महत्व और बढ़ जाता है, जिससे जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मकता आती है, और इसे सप्ताह की बेहतरीन शुरुआत भी माना जाता है.
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः पौष,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वितीया प्रातः काल 10.52 तक है।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
वारः सोमवार
नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा प्रातःः काल 05.32 तक है, योग ध्रुव सांय काल 04.41 तक, है,
करण कौलव,
सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः धनु,
राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.14, सूर्यास्तः 05.25 बजे।

