Sunday, December 21

डेमोक्रेटिक फ्रंट
सारिका तिवारी

नूंह/चंडीगढ़ | 21 दिसंबर 2025
हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने मनरेगा को समाप्त कर उसकी जगह लागू किए गए VB–G RAM G कानून पर तीखा प्रहार करते हुए इसे “ग्रामीण भारत, गरीब मजदूर और संविधान के मूल्यों के खिलाफ सोची-समझी साजिश” करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता के घमंड में एक ही झटके में मनरेगा के 20 वर्षों की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर बुलडोजर चला दिया है।
राव नरेंद्र सिंह ने दो टूक कहा कि VB–G RAM G को मनरेगा का पुनर्गठन बताना जनता के साथ खुला धोखा है। यह कानून अधिकार आधारित, मांग पर मिलने वाले रोजगार की गारंटी को खत्म कर उसे दिल्ली से संचालित, सीमित और मनमानी योजना में बदल देता है।
उन्होंने कहा,
“यह केवल एक योजना नहीं छीनी गई है, बल्कि गांवों से उनका आत्मसम्मान, राज्यों से उनके अधिकार और मजदूरों से उनकी आवाज छीनने की कोशिश है।”
उन्होंने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव की ताकत, बेहतर मजदूरी और सम्मानजनक जीवन दिया। पलायन पर रोक लगी, गांवों में बुनियादी ढांचा मजबूत हुआ।
“यही ताकत, यही आत्मनिर्भर गांव भाजपा सरकार को बर्दाश्त नहीं हैं, इसलिए मनरेगा को खत्म करने की साजिश रची गई।”
महिलाओं और वंचित वर्गों पर सीधा वार
राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि मनरेगा में हर साल 50% से अधिक भागीदारी महिलाओं की रही है, लेकिन जैसे ही रोजगार योजनाओं को कमजोर किया जाता है, सबसे पहले महिलाएं, दलित, आदिवासी, भूमिहीन मजदूर और गरीब ओबीसी बाहर कर दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा,
“यह कानून सामाजिक न्याय की नहीं, बल्कि सामाजिक बहिष्कार की नीति है।”
कोविड में जीवन रेखा थी मनरेगा
उन्होंने याद दिलाया कि कोविड महामारी के दौरान जब पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी, तब मनरेगा ने करोड़ों परिवारों को भूख, कर्ज और भुखमरी से बचाया।
“आज उसी सुरक्षा कवच को बेरहमी से छीना जा रहा है।”
संसद की मर्यादा कुचली
राव नरेंद्र सिंह ने संसद में इस कानून को स्थायी समिति की समीक्षा और सार्वजनिक चर्चा के बिना जबरन पारित किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा,
“जो कानून करोड़ों ग्रामीण मजदूरों की जिंदगी को प्रभावित करता हो, उसे बिना विशेषज्ञ सलाह पारित करना लोकतंत्र का अपमान और संविधान की आत्मा का अपघात है।”
कांग्रेस सड़कों से संसद तक लड़ेगी
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी,
“मनरेगा दुनिया की सबसे सफल गरीबी उन्मूलन योजनाओं में से एक है। कांग्रेस पार्टी ग्रामीण गरीबों, महिलाओं और वंचित वर्गों की आखिरी ढाल को खत्म नहीं होने देगी। पंचायतों, मजदूरों और राज्यों के साथ मिलकर इस काले कानून की वापसी तक संघर्ष जारी रहेगा।”
इस अवसर पर शाहिदा खान, आफताब अहमद, मामन खान, एडवोकेट जावेद, अब्दुल गफ्फार, अख्तर हुसैन, मेहताब अहमद, राबिया, मोबिन, इब्राहिम इंजीनियर, आसिफ अली, हाजी अब्बास, हाशिम गंगवानी, हाजी सिराजुद्दीन, मुबारक मलिक, डॉक्टर उस्मान, साजिद सरपंच, रफीक, शकील, बिलाल सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।