बिहार के बाद अब बंगाल में भी चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू कर दी है।चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस बारे में सूचित किया है और राज्य के निर्वाचन अधिकारियों से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। बता दें कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम अपने अंतिम चरण में है। SIR प्रक्रिया के तहत राज्य में 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी गई।

- चुनाव आयोग ने जारी किया वोटर वेरिफिकेशन का आदेश
- बंगाल में वोटर लिस्ट सुधार पर सियासी तनाव बढ़ा
- चुनाव आयोग ने बूथ लेवल एजेंट्स की लिस्ट मांगी
- ममता बनर्जी के सामने इसे नई चुनौती की तरह देखा जा रहा
डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला – 05 अगस्त :
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस बारे में सूचित किया है और राज्य के निर्वाचन अधिकारियों से मतदाता सूची के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में वोटर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस बारे में सूचित किया है और राज्य के निर्वाचन अधिकारियों से मतदाता सूची के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। बता दें कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम अपने अंतिम चरण में है। एसआईआर प्रक्रिया के तहत राज्य में 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी गई।
इस प्रक्रिया के बाद बिहार में करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे। इनमें ज्यादातर वे मतदाता हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। बाकी ऐसे वोटर हैं जो स्थायी रूप से किसी दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो चुके हैं। कुछ ऐसे मतदाता भी हैं, जिनके नाम एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज था। हालांकि, विपक्ष चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध कर रहा है और इसे बीजेपी के इशारे पर वोटों की चोरी करार दे रहा है।
दूसरी ओर आम वोटरों ने मतदाता सूची को दुरुस्त करने में सक्रियता दिखाई और 1,927 मामले निर्वाचन आयोग के समक्ष दाखिल किए। ये मामले योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करने और अयोग्य मतदाताओं को हटाने से संबंधित हैं। जबकि 10,977 आवेदन फॉर्म-6 के तहत नए वोटर जोड़ने, हटाने और अन्य घोषणा पत्र से जुड़े हैं।