Friday, June 20

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  19 जून :

अजय सिंगला

हमारे दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग अनिवार्य हो गया है, लेकिन इसके दुष्प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रत्येक घर में प्रतिदिन कम से कम 1 या 10 से अधिक प्लास्टिक की थैलियाँ आती हैं, जैसे कि तेल की थैली, दूध की थैली, किराने की थैली, शैम्पू, साबुन, मैगी, कुरकुरे आदि। इन थैलियों का सही तरीके से निपटान न होने से जानवरों को खतरा होता है और पर्यावरण भी प्रभावित होता है।

एक सरल उपाय:

  1. प्लास्टिक की थैलियों को इकट्ठा करें: इन सभी थैलियों को रोज कूड़ेदान में न फेंककर, एक खाली बोतल (जैसे कोल्ड ड्रिंक की बोतल) में डालें।
  2. बोतल भरने के बाद: सप्ताह में एक बार बोतल भर जाने पर इसे उचित ढक्कन के साथ कूड़ेदान में फेंक दें।

लाभ:

  • जानवर बिखरा हुआ प्लास्टिक नहीं खाएंगे।
  • प्लास्टिक कचरे का उचित निपटान होगा।
  • नगर निगम को कूड़ा जमा करने में सुविधा होगी।

विनम्र निवेदन:

हम आप सभी से विनम्र निवेदन करते हैं कि इस आवश्यकता को पहचानें और इस शुभ कार्य की शुरुआत करें। आइए, हम सब मिलकर अपने पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में योगदान दें। 🌎💚