Monday, June 30

प्राचीन कला केन्द्र की 308वीं मासिक बैठक में हरभजन सिंह धारीवाल का जोरदार पखावज वादन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  14 जून :

अग्रणी सांस्कृतिक संस्था प्राचीन कला केन्द्र द्वारा 308वीं मासिक बैठक का आयोजन एम एल कौसर सभागार में सायं 6:30 से किया गया। जिसमें पंजाब घराने  के जानेमाने पखावज  वादक हरभजन सिंह धारीवाल  ने एकल पखावज  वादन  की जोरदार प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया ।

प्रो. हरभजन सिंह धारीवाल पंजाब घराने के लाहौर बाज के अग्रणी  और एकमात्र प्रमुख पखावजी हैं। इसके अलावा वे नाद संगीत संस्थान यू.एस.ए. के तहत एक वरिष्ठ शोध फेलो हैं। इन्होने  बाबा रूप शाह से लगभग 5-6 साल तक तबले में अपना प्राथमिक प्रशिक्षण शुरू किया और लगभग 20-21 साल तक तबले का उन्नत प्रशिक्षण पंजाब घराने के महान उस्ताद उस्ताद लछमन सिंह सीन से लिया जो मियां कादिर बख्श (पंजाब घराने के प्रमुख) के शिष्य हैं। अइन्होने उस्ताद लछमन सिंह सीन से लगभग 12-13 साल तक पखावज सीखा। उन्होंने संगीत वाद्य (तबला) में एम.ए. किया है और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और गुरु नानक देव  विश्वविद्यालय अमृतसर से बी.एड. भी किया है। चंडीगढ़ में कलाकार के रूप में पंजाब के सांस्कृतिक मामलों के विभाग में सेवा की और इसके इलावा बीएनजी कॉलेज और बीवीएस गुरमत कॉलेज अमृतसर में तबला में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। इन्होने ने देश में दिल्ली, बनारस, चंडीगढ़ और पंजाब आदि में अपने कला प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीता और साथ ही विदेश में  भी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, सिंगापुर, हांगकांग, मलेशिया और इंडोनेशिया आदि में इस कला का परचम लहराया।  प्रो हरभजन ने  तबला, पखावज और गुरबानी पर कई लेख और शोध पत्र लिखे जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। इनको कई संगीत संस्थानों द्वारा सम्मानित किया गया। 

हरभजन सिंह जी ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत पंजाब घराने की चौताल 12 मात्रा पर आधारित पारंपरिक पेशकार से की। इसके बाद उन्होंने तीन ताल पर आधारित सलामी गत, फर्शबंदी और गत कायदे पेश किए। इसके बाद उन्होंने रेले  पर आधारित पारंपरिक रचनाएँ पेश कीं। इसके बाद तकनीकी भाग में गत, चक्रदार और फरमाइशी चक्रदार तथा छंद इत्यादि पेश करके दर्शकों की तालियां बटोरी । हरभजन  के सधे हुए पखावज  वादन में उनकी विशिष्ट शैली की झलक दिखती है ।उन्होंने अपने घराने की पारंपरिक बंदिशों के साथ अपने  पखावज वादन का  समापन किया। शहर के प्रसिद्ध हारमोनियम वादक राकेश कुमार ने भी उनके साथ शानदार संगत की।

 कार्यक्रम के अंत में केन्द्र के सचिव श्री सजल कौसर  ने कलाकारों को पुष्प और मोमेंटो देकर सम्मानित किया ।