पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता है। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 05 जून 2025

नोटः श्री गंगा दशहरा पर्वादि है। इस साल गंगा दशहरा का पर्व 5 जून 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता है कि राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा पृथ्वी पर उतरी थीं।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः ज्येष्ठ,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः दशमी रात्रि काल 02.17 तक है,
वारः गुरूवार।
नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः हस्त की वृद्धि है जो कि प्रातः काल (शुक्रवार को) प्रातः काल 06.34 तक है, योग सिद्धि़ प्रातः काल 09.14 तक है,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः वृष, चन्द्र राशिः कन्या,
राहू कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.27, सूर्यास्तः 07.13 बजे।