Friday, June 6

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दु तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने भारत सहित विश्व में बैठे सनातनियों से आहवान किया कि अपने बच्चों को पैदा होते ही जनेऊ धारण करवाएं, शिखा रखवाएं, माथे पर तिलक लगवाएं और मंदिर में घंटे व शंख बजाने की आदत डालें

डेमोक्रेटिक फ्रंट, अंबाला – 05 जून :

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दु तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने कहा भारत में बैठे सौ करोड़ सनातनियों को महीने में एक बार परिवार सहित हरिद्वार जाकर गंगा स्नान करना चाहिए और भारत सहित विश्व में रह रहे सनातनियों को अपने पैदा हुए बच्चे को जनेऊ धारण करवाना चाहिए, शिखा रखवानी चाहिए, माथे पर तिलक लगाने के साथ साथ मंदिर जाकर पूजा करने घंटे व शंख बजाने की आदत और रामायण व श्रीमदभागवत गीता पढ़ने की आदत डालनी चाहिए।

वीरेश शाडिल्य आज गंगा दशहरा पर स्नान किया व मां गंगा की स्तुति की। सरबत के भले की मांग की, देश की एकता और अखंडता की मजबूती की मांग की, भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरू बने, सौ करोड़ सनातनी संगठित बनें, अपनी धार्मिक संस्कृति को बचाने को लिए अपने बच्चों को अपने इष्ट देवताओं से जोड़ें।

वीरेश शांडिल्य ने कहा गंगा दशहरा एक हिन्दु त्यौहार है जो पवित्र नदी गंगा के स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण पर आने पर यह गंगा दशहरा मनाया जाता है। वीरेश शांडिल्य ने मां गंगा की पूजा के बाद कहा कि सौ करोड़ सनातनियों को अपने बच्चों को शिखा रखवानी चाहिए, जनेऊ धारण करवाना चाहिए, माता पिता व गुरूजनों का आदर करने की शिक्षा देनी चाहिए, मोबाइल से अपने बच्चों को बचपन से ही दूर रखें और महीने में एक बार परिवार सहित गंगा स्नान करें, गंगा की पूजा करें, गंगा मां की आरती सुनें। इससे निश्चित तौर पर सनातन धर्म मजबूत होगा।

वीरेश शांडिल्य ने गंगा दशहरा पर विश्व में बैठे सनातनियों को गंगा दशहरा की शुभकामनाएं दी और दुआ कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सोने की चिड़िया से सोने का टाइगर बने और हर सनातनी माथे पर तिलक लगाए और एक बार मंदिर जाकर पूजा जरूर करें। मंदिर का घंटा बजाए, मंदिर का शंख बजाए इससे सनातन मजबूत होगा और भारत का भविष्य संस्कारों में रहेगा। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दु तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने गंगा दशहरा पर बुराइयों के अंत की दुआ की और देश में दैत्यों व दानवों व आतंकवादियों का नाश हो और सनातन धर्म बुलंदियों पर रहे।