शांति और न्याय को बनाए रखने के भारत के प्रयासों में दक्षिण अफ्रीका के अटूट समर्थन पर आभार व्यक्त किया : डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 30 मई :
लोकसभा सांसद सुश्री सुप्रिया सुले के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आज केप टाउन में दक्षिण अफ्रीका की संसद में एक गंभीर सत्र आयोजित किया। प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की दुखद मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए दक्षिण अफ्रीकी प्रांत परिषद के सदस्यों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और शांति के लिए साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की। पीड़ितों को भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए सदन में एक मिनट का मौन भी रखा गया।
सांसद डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी, जो भारत में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व महा वाणिज्यदूत भी हैं, ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से जवाबी कार्रवाई का जिक्र करते हुए दोहराया कि भारत की प्रतिक्रिया दृढ़, संतुलित और आतंकवाद के प्रति अपनी शून्य-सहिष्णुता की नीति पर आधारित है। उन्होंने आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए एकजुट वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. साहनी ने यह भी कहा कि भारत सीमा पार से संचालित आतंकवाद से बहुत पीड़ित है और इस तरह के हमलों का मुकाबला करने के लिए दृढ़ है। उन्होंने बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए शांति और न्याय को बनाए रखने के भारत के प्रयासों में दक्षिण अफ्रीका के अटूट समर्थन पर आभार व्यक्त किया।
डॉ. साहनी ने महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के मूल्यों पर आधारित भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ऐतिहासिक मित्रता को याद दिलाते हुए इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को लोकतंत्र और अहिंसा के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता के माध्यम से एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वैश्विक व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रयासों का नेतृत्व करना चाहिए। भारत दक्षिण अफ्रीका की सहानुभूति पर आभार प्रकट करते हुए गहरा महत्व देता है और आतंकवाद से लड़ने में निकट सहयोग की आशा करता है।
संसदीय प्रतिनिधिमंडल में अनुराग सिंह ठाकुर, राजीव प्रताप रूडी, डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी, मनीष तिवारी, लावु श्री कृष्ण देवरायलू, पूर्व मंत्री आनंद शर्मा, पूर्व मंत्री वी. मुरलीधरन और राजदूत सैयद अकबरुद्दीन शामिल है।