Friday, May 30

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 29 मई :

ओबीसी मोर्चा, भाजपा हरियाणा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व महापौर यमुनानगर, मदन चौहान ने पंचकूला में आयोजित एक भव्य संगोष्ठी में कहा कि माता अहिल्याबाई होलकर का जीवन राष्ट्र निर्माण, नारी नेतृत्व और जनकल्याण का अमिट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि माता ने जिस न्यायप्रियता और करुणा के साथ शासन किया, वह आज के प्रशासनिक ढांचे के लिए एक आदर्श मॉडल है। यह संगोष्ठी भाजपा महिला मोर्चा, जिला पंचकूला द्वारा माता अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं पुण्यतिथि के पावन अवसर पर आयोजित की गई।

कार्यक्रम का आयोजन पंचकूला स्थित अटल सभागार, पंचकमल प्रदेश कार्यालय, भाजपा, सेक्टर 9 में किया गया। इसका उद्देश्य माताजी के विचारों और उनके जनकल्याणकारी कार्यों को वर्तमान पीढ़ी तक पहुँचाना था।

माता अहिल्याबाई ने समाज के हर वर्ग को सम्मान दिया। उनके शासनकाल में मंदिर निर्माण, धर्मशालाओं की स्थापना, व्यापारिक सुविधाओं का विकास और निर्धनों के कल्याण को प्राथमिकता दी गई। उनके सिद्धांत आज भी ओबीसी समाज सहित समस्त भारतवर्ष के लिए पथप्रदर्शक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि माताजी की दूरदर्शी नीतियाँ आज की सामाजिक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करती हैं।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बंतो कटारिया प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा हरियाणा ने भी अपने विचार साझा किए और माताजी के अद्वितीय नेतृत्व, धर्मनिष्ठा और लोकसेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को आज की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में संगठन मंत्री  फणींदरनाथ शर्मा, भाजपा पंचकूला के जिलाध्यक्ष अजय मित्तल, भाजपा लोकसभा संयोजक शशि दुरेजा, तथा हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।

सभी अतिथियों ने माता अहिल्याबाई होलकरके जीवन मूल्यों और प्रशासनिक आदर्शों की सराहना करते हुए कहा कि आज के सामाजिक और राजनीतिक परिवेश में उनके विचारों को आत्मसात करना अत्यंत आवश्यक है।कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा महिला मोर्चा, पंचकूला की जिलाध्यक्ष एवं कार्यक्रम सह-संयोजक अनुराधा वर्मा ने की, जिन्होंने माताजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं से उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों, युवाओं और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।

यह संगोष्ठी माताजी के जीवन-दर्शन को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल सिद्ध हुई।