पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता है। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 13 मई 2025
नोटः आज ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष प्रारम्भ है।
विक्रमी सवत्ः 2082,
शक संवत्ः 1947,
मासः ज्येष्ठ
पक्षः कृष्ण,
तिथिः प्रतिपदा रात्रि 12.36 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः विशाखा, प्रातः काल 09.09 तक है,
योग, वरीयान की वृद्धि है जो कि (मंगलवार को) प्रातःः काल 05.53 तक है,
करणः बालव,
सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः वृश्चिक,
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.36, सूर्यास्तः 06.59 बजे।